केरलः डबल डेकर नाव समुद्र में पलटी, 22 मौतें
केरल के मलप्पुरम जिले के तनूर में रविवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। तनूर के समुद्र तट के पास एक डबल डेकर पर्यटक नाव के पलटने से बच्चों सहित कम से कम 22 लोग डूब गए। इस हादसे में जीवित बचे लोगों ने आरोप लगाया कि नाव में भीड़ बहुत ज्यादा थी और अधिकांश यात्रियों के पास जीवन रक्षक जैकेट नहीं थे। डबल डेकर इस नाव में कई नियम तोड़े गए। यह घटना तनूर के पास थूवल थीरम ओट्टुपुरम बीच पर रविवार शाम करीब साढ़े सात बजे हुई।
Rescue operation underway after a tourist boat capsized near Tanur in Malappuram district.
— Dhananjay Mandal (@dhananjaynews) May 8, 2023
So far the death toll in this incident has gone up to 21.
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मलयालम मनोरमा के मुताबिक अधिकारियों ने बताया डबल डेकर नाव को शाम के बाद पानी में जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन संचालकों ने सेवा जारी रखी क्योंकि रविवार शाम को पर्यटकों की भारी भीड़ थी। आखिरी यात्रा के दौरान जब नाव पलटी तो उसमें करीब 35-40 यात्री सवार थे।
इस हादसे के बाद राज्य सरकार ने सोमवार को आधिकारिक शोक की घोषणा की और आज के सभी आधिकारिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सोमवार सुबह तनूर पहुंच गए हैं। उन्होंने बचाव और राहत कार्य जारी रखने को कहा है, ताकि अगर कोई जीवित हो तो उसे बचाया जा सके।
उसी नाव में सवार शफीक नामक शख्स ने पत्रकारों को बताया कि यह घटना समुद्र तट से करीब 500 मीटर की दूरी पर हुई। डबल डेकर नाव पूरापुझा नदी के मुहाने के पास पलटी थी। नाव में सुरक्षा जैकेट नहीं थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बचाव में देरी हुई क्योंकि आसपास कोई नाव नहीं थी। नौका पलटने के बाद ऊपरी डेक में सवार यात्री तो बच निकलने में सफल रहे, लेकिन निचले डेक में बैठे लोग अंदर फंस गए, क्योंकि इसके दरवाजे बंद थे।
मौके पर पहुंचे आईयूएमएल विधायक के. पी. ए. मजीद ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा उपायों की कमी के बारे में अधिकारियों से पहले ही शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि इस तट पर मुख्य रूप से मछली पकड़ने के जहाज हैं। हाल ही में यहां टूरिस्ट बोट सर्विस शुरू की गई थी। अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा तय किए बिना नाव सेवा की अनुमति दी।
शुरुआत में, स्थानीय लोग और मछुआरे बचाव कार्यों में लगे हुए थे। उसके बाद जिला प्रशासन ने पुलिस, स्वास्थ्य और अग्निशमन और बचाव विभागों की सहायता से लोगों को निकालना शुरू किया।
रोशनी की कमी और घटनास्थल तक संकरी पट्टी के कारण बचाव अभियान में बाधा आई और बचाए गए लोगों को पास के अस्पतालों में ले जाने में देरी हुई। बाद में रात में, त्रिशूर से एनडीआरएफ की एक टीम बचाव कार्यों के लिए मलप्पुरम पहुंच गई थी।