कौशांबी में किशोरी छात्रा से रेप का आरोपी स्कूल प्रिंसिपल गिरफ़्तार
कौशांबी में नाबालिक लड़की से दुष्कर्म किए जाने और पीड़िता द्वारा आत्महत्या का प्रयास किए जाने के बाद अब पुलिस ने आरोपी स्कूल प्रिंसिपल डीके मिश्रा को गिरफ़्तार कर लिया है। आरोप है कि इस प्रिंसिपल ने छात्रा के घर में घुसकर दुष्कर्म किया था। इससे आहत पीड़िता ने ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की थी, लेकिन उसको बचा लिया गया। रेप का वीडियो बनाकर वायरल करने वाले शख्स को शनिवार को ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।
यह कौशांबी में कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में रामबली शर्मा सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल का मामला है। इस स्कूल में डीके मिश्रा प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं। एक गांव की रहने वाली छात्रा के साथ प्रिंसिपल का आपत्तिजनक हालत में वीडियो चार दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वायरल वीडियो की जांच के बाद पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिजनों के मुताबिक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने से परेशान होकर लड़की ने आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस के मुताबिक कथित घटना अप्रैल में हुई थी।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा, 'आरोपी ने कथित तौर पर लड़की को घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी दी थी। हालांकि परिवार के सदस्यों को इसके बारे में तब पता चला जब घटना का वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया गया।'
वीडियो में दिखता है कि स्कूल का प्रिंसिपल डीके मिश्रा छात्रा से अश्लीलता कर रहा है। प्रिसिंपल रेप करते हुए लाइव कैमरे में कैद हो गया। रेप का वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा की मां की तरफ से मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने अब डी के मिश्रा को गिरफ्तार किया है।
यूपी, कौशांबी
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) June 9, 2024
सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल का प्रिंसिपल DK मिश्रा, जिसने नाबालिग छात्राओं का यौन शौषण और रेप किया था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है! https://t.co/hqfurZiSPC
आरोप है कि डीके मिश्रा पहले भी एक छात्रा के साथ गलत हरकत करते हुए पकड़ा गया था, लेकिन तब परिवार ने इज्जत बचाने के लिए समझौता कर लिया था और शिकायत नहीं की थी।
ट्रेन के आगे कूदने से गंभीर घायल पीड़िता का इलाज किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एसके शुक्ला की ओर से उनको बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है। पीड़िता को मनोवैज्ञानिक सहायता देने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है।