कर्नाटक सरकार का मुस्लिमों के लिए चार फीसदी कोटा खत्म करने का फ़ैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आज यह फ़ैसला दिया है। इसने यह निर्देश तब दिया जब राज्य सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत कोटा खत्म करने के कर्नाटक सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बीच ही गृहमंत्री अमित शाह ने एक चुनावी सभा में कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुरुआत में कहा कि वह दिन में जवाब दाखिल करेंगे।
30 मार्च को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत पिछड़े वर्गों के कोटा को समाप्त कर दिया था। सरकार ने अधिसूचना जारी कर कहा था कि उन्हें 100 से अधिक वर्षों से कर्नाटक में पिछड़े वर्ग के रूप में मान्यता दी गई है। बोम्मई सरकार के फ़ैसले में कहा गया था कि राज्य में दो सबसे प्रभावशाली समुदायों, लिंगायत और वोक्कालिगा को मुस्लिम ओबीसी कोटा आवंटित किया जाता है।
विधानसभा चुनावों से पहले चार प्रतिशत मुस्लिम कोटा ख़त्म करने का कर्नाटक सरकार का फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट की जांच के दायरे में 13 अप्रैल को आया। इसने सरकार के आदेश पर सवाल उठाया और कहा कि कर्नाटक सरकार का मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत कोटा ख़त्म करने का फ़ैसला प्रथम दृष्टया पूरी तरह से गलत धारणा पर आधारित है।
इसने 13 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन को दर्ज किया था कि सुनवाई की अगली तारीख़ तक वोक्कालिगा और लिंगायतों को शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में कोई कोटा का लाभ नहीं दिया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने पहले 18 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई 25 अप्रैल तक के लिए टाल दी थी। अब इसे 9 मई तक के लिए टाल दिया गया है।
बहरहाल, राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें रखीं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मेहता ने कहा, 'मैं इसे आज दायर करूंगा लेकिन समस्या यह है कि मैं व्यक्तिगत कठिनाई में हूं क्योंकि मैं संविधान पीठ के सामने बहस कर रहा हूं जो समलैंगिक विवाह से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। कृपया इस मामले को किसी और दिन के लिए रखें।' याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने मेहता द्वारा स्थगन के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि सुनवाई पहले ही चार बार टाली जा चुकी है।
मेहता ने कहा कि अदालत द्वारा पारित अंतरिम आदेश पहले से ही याचिकाकर्ताओं के पक्ष में है। दवे ने अदालत से अनुरोध किया कि वह मेहता की दलीलों को दर्ज करें कि मुसलमानों के लिए कोटा खत्म करने के आदेश को लागू नहीं किया जाएगा और कोटा देने का आदेश सुनवाई की अगली तारीख तक लागू रहेगा।
पीठ ने दवे के साथ सहमति व्यक्त की और 9 मई को आगे की सुनवाई के लिए टाल दिया।
धर्म के आधार पर आरक्षण न हो: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक सरकार द्वारा मुसलमानों के लिए 4% ओबीसी आरक्षण खत्म करने के फ़ैसले पर कहा, 'हमारा मानना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि हमने बिना वोट बैंक की राजनीति में पड़े इसको ख़त्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आरक्षण ख़त्म करने के बाद एससी, एसटी वोक्कालिगा और लिंगायत सबके आरक्षण में बढ़ोतरी करने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है।