कर्नाटक में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने पूरी रात कर्नाटक विधानसभा और परिषद के अंदर बिताई। उन्होंने यह भी मांग की कि राष्ट्रीय ध्वज के बारे में उनके बयान के संबंध में उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। दरअसल, जिस राष्ट्रवाद की बात बीजेपी करती रही है उसे ही कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है। बीजेपी के इस मंत्री ईश्वरप्पा ने 9 फ़रवरी को कहा था कि 'भगवा ध्वज' भविष्य में किसी समय राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा था कि तिरंगा अब राष्ट्रीय ध्वज है और इसका सभी को सम्मान करना चाहिए।
कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा, 'हमारे कर्नाटक कांग्रेस के विधायकों के प्रति एकजुटता है जो हमारे राष्ट्रीय ध्वज पर भाजपा मंत्री केएस ईश्वरप्पा की राष्ट्र विरोधी टिप्पणी को लेकर कर्नाटक विधानसभा में रात भर विरोध करते रहे। कभी भी भगवा झंडा हमारे तिरंगे की जगह नहीं लेगा।'
ईश्वरप्पा ने कहा था, 'सैकड़ों साल पहले श्री रामचंद्र और मारुति के रथों पर भगवा झंडे थे। क्या तब हमारे देश में तिरंगा झंडा था? अब यह (तिरंगा) हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तय है, जिसे सम्मान देना चाहिए, इस देश का खाना खाने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा यह सम्मान दिया जाना चाहिए, इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है।'
लाल किले पर भगवा झंडा फहराने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, "आज नहीं, भविष्य में किसी दिन हो सकता है। देश में आज 'हिंदू विचार' और 'हिंदुत्व' पर चर्चा हो रही है। एक समय लोग हँसते थे जब हम कहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, क्या हम इसे अभी नहीं बना रहे हैं? उसी तरह भविष्य में कभी 100 या 200 या 500 साल बाद भगवा ध्वज राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है। मुझे नहीं पता।"
उन्होंने आगे कहा था, "... भगवा झंडा फहराने वाले हम लोग हैं, आज नहीं भविष्य में इस देश में कभी हिन्दू धर्म आयेगा उस समय हम इसे लाल किले पर फहराएंगे। चूँकि अभी तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है, इसमें कोई संदेह नहीं है और हम सभी इसका सम्मान करते हैं।"
मंत्री के इस बयान के विरोध में कांग्रेस दो दिनों से विधानसभा में हंगामा कर रही है। पार्टी विधायकों के विरोध प्रदर्शन से गुरुवार को लगातार दूसरे दिन दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित हुई।
विधानसभा के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने भाजपा और संघ परिवार पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को तर्कसंगत परिणाम के लिए 'दिन-रात' विरोध प्रदर्शन करने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने कहा कि टिप्पणी राजद्रोह की श्रेणी में आता है इसलिए संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपाल को हस्तक्षेप करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भी ईश्वरप्पा के ख़िलाफ़ अब तक कार्रवाई नहीं कर पाए हैं क्योंकि आरएसएस ईश्वरप्पा के माध्यम से छीपा हुआ एजेंडा लागू कर रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि ईश्वरप्पा को बर्खास्त किए जाने तक आंदोलन छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए ईश्वरप्पा ने कहा, 'उन्हें हमेशा के लिए विधानसभा और विधान परिषद के अंदर रहने दें।' ईश्वरप्पा ने कहा, 'शिवकुमार को देखने दें कि मैंने क्या कहा था। मैंने कभी भी राष्ट्रीय तिरंगे का अपमान नहीं किया।' ईश्वरप्पा ने कहा कि किसी भी कारण से उनके इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता और वह एक देशभक्त हैं जो आपातकाल के दौरान जेल गए थे।