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रेप के आरोपी लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति शरणारू गिरफ्तार

रेप के आरोपी लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति शरणारू गिरफ्तार

नाबालिग लड़कियों से कथित रेप को लेकर लिंगायत मठ के संत पर कार्रवाई के लिए भारी दबाव के बीच अब पुलिस ने कार्रवाई की है। जानिए संत पर क्या आरोप हैं। 

कर्नाटक के चित्रदुर्ग में नाबालिग लड़कियों से रेप के आरोपी लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति शरणारू को गिरफ़्तार किया गया है। एएनआई के अनुसार कर्नाटक के एडीजीपी, कानून व्यवस्था आलोक कुमार ने उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि की है। आरोपी संत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। पहले सोमवार को मुरुगा शरणारू को नाबालिगों से जुड़े कथित यौन उत्पीड़न के मामले में हिरासत में लिया गया था, लेकिन तब बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। 

दो नाबालिगों की ओर से शिकायत दर्ज होने के बाद पिछले दिनों मैसूर शहर पुलिस ने शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी POCSO अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके ख़िलाफ़ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है क्योंकि एक पीड़िता दलित समुदाय से आती है। 

छात्राओं ने एक एनजीओ से शिकायत की थी कि मुरुगा मठ के छात्रावास में स्वामीजी उनका यौन शोषण कर रहे हैं। उनका आरोप है कि लेडी वार्डन उन्हें स्वामी जी के पास फल लेने के लिए भेजती थी। छात्राओं ने आरोप लगाया कि जब वो उस स्थान पर जाती थीं, जहां स्वामीजी थे, तो वे वहां आकर अजीबोगरीब हरकतें करते थे।

तब हिरासत से छूटने और मठ में लौटने के बाद संत ने मठ में लोगों को संबोधित किया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संत ने कहा, 'आप सभी ने मेरे साथ रहकर मुझे हिम्मत दी है। डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। क़ानून का सम्मान करें। ऐसे समर्थन के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ।'

इस बीच रेप के आरोपी साधु के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करने पर चित्रदुर्ग पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मेडिकल जांच पूरी होने के बावजूद पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने आरोपी संत की गिरफ़्तारी के लिए विरोध प्रदर्शनों के वीडियो को साझा किया। 

शिवमूर्ति शरणारू ने दावा किया है कि उनके खिलाफ आरोप लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा थे। उसने दावा किया है कि वह निर्दोष साबित होंगे।

बता दें कि लिंगायत मठ द्वारा संचालित एक स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों ने तस्करी और यौन शोषण वाली महिलाओं और बच्चों के बचाव, पुनर्वास, पुन: एकीकरण और सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे मैसूर के एक गैर सरकारी संगठन 'ओदानदी सेवा संस्थान' से संपर्क किया। उनके द्वारा आपबीती सुनाए जाने के बाद यह जिला बाल कल्याण समिति के ध्यान में लाया गया, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। शिकायत के अनुसार, मुरुगा मठ के छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की लड़कियों का साढ़े तीन साल से अधिक समय तक यौन शोषण किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी।

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