कर्नाटक के गडग जिले के एक सरकारी स्कूल के हेड मास्टर को गुरुवार 29 सितंबर को निलंबित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने छात्रों से पैगंबर मोहम्मद साहब पर निबंध लिखने के लिए कहा था।
सार्वजनिक निर्देश के उप निदेशक जी एम बसवलिंगप्पा ने कहा कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। गुरुवार को हेडमास्टर अब्दुल मुनाफ बीजापुरा को निलंबित कर दिया गया।
इस घटनाक्रम के बाद स्कूल पर दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना के लोगों ने हमला किया। उन्होंने हेड मास्टर पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया। घटना 27 सितंबर को नागवी गांव के सरकारी हाई स्कूल में हुई थी। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस और द हिन्दू ने इस घटना को गुरुवार 29 सितंबर को रिपोर्ट किया। खबरों के मुताबिक उग्रपंथी श्रीराम सेना के कार्यकर्ता हेडमास्टर अब्दुल मुनाफ बीजापुरा के कमरे में घुस गए और गाली-गलौज करने लगे।
हेडमास्टर ने समझाने की कोशिश की कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था। छात्रों की लिखावट में सुधार के लिए, हमने एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया। मैं इस्लाम को बढ़ावा नहीं दे रहा था। हर महीने कम से कम एक या दो इवेंट होते हैं जहां हम ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं। हमने पूर्व में भी कनक दास, पुरंदर दास और अन्य व्यक्तित्वों पर कार्यक्रम और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं। ये निबंध प्रतियोगिताएं छात्रों को इन व्यक्तित्वों से परिचित कराने और उनकी लिखावट में सुधार करने में मदद करने के लिए आयोजित की जाती हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, श्रीराम सेना के राजू खानप्पनवर ने कहा कि हेडमास्टर ने जो किया वह स्वीकार्य नहीं था। हेडमास्टर का दावा है कि कोई व्यक्ति स्कूल आया और विजेता के लिए 5,000 रुपये की पेशकश की और वह सहमत हो गए। एक शिक्षक के रूप में उन्हें ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। वह एक तरह से युवा दिमागों में इस्लाम को बढ़ावा देकर अन्य समुदायों को बदनाम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना की निन्दा की है। उनका कहना है कि पहली ही नजर में यह साफ है कि हेडमास्टर का इरादा गलत नहीं है। उनके आफिस की अलमारी पर लगी हिन्दू देवी-देवताओं की फोटो यही बता रही है। अगर ऐसा न होता तो वो सबसे पहले उन फोटो को हटवा देते। लोगों ने कहा कि इस स्कूल में पहले भी हिन्दू महापुरुषों पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित होती रही है। वैसे भी पैगंबर पर निबंध लिखवाना कोई गलत बात नहीं है, क्योंकि इस्लाम के संस्थापक के बारे तो सरकारी पाठ्यक्रम में भी पढ़ाया जाता है।