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कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पर पार्टी के लोगों ने लगाया उगाही का आरोप

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पर पार्टी के लोगों ने लगाया उगाही का आरोप

कर्नाटक में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख एक पूर्व सांसद के साथ बातचीत में पार्टी प्रमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए दिख रहे हैं। क्या है मामला?

गुटों में बँटी कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगा है और यह आरोप विरोधी दल ने नहीं, पार्टी के लोगों ने ही लगाया है।

कर्नाटक कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डनेटर सलीम ने कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और कमीशन के रूप में करोड़ों रुपए वसूलने के आरोप लगाए हैं।

वायरल वीडियो में क्या है?

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले मंच पर सलीम ने अपने बगल में बैठ हुए पूर्व कांग्रेस सांसद वी. एस. उग्रप्पा के कान में फुसफुसा कर कहा कि 'डी. के. शिवकुमार बहुत बड़े उगाही एजेंट हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपए का कमीशन उगाह लिया है।'

उन्होंने कहा, "यह बहुत बड़ा घपला है, यदि इसकी तह में जाऊँ तो बात शिवकुमार तक पहुँचेगी। पहले यह कमीशन छह से आठ प्रतिशत थी, अब 10 से 12 प्रतिशत है।"

वे आगे कहते हैं,

शिवकुमार के सहयोगी मलगुंड ने 50-100 करोड़ रुपए बनाए हैं। यदि यह हाल मलगुंड का है तो सोचो डी. के. का क्या हाल होगा।


सलीम, मीडिया कोऑर्डनेटर, कर्नाटक कांग्रेस

ये सारी बातें इन दोनों नेताओं के बीच हुईं और बहुत ही धीमी फुसफुसाती हुई आवाज़ में हुई, पर इसका वीडियो है और वह वायरल हो चुका है।

इस वीडियो में उग्रप्पा यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि शिवकुमार के नेतृत्व में पार्टी वापसी नहीं कर पाई है।

पार्टी ने की कार्रवाई

इस वीडियो के वायरल होने के बाद कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सलीम को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है और उग्रप्पा से जवाब मांगा है।

दूसरी ओर, शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, पार्टी पूरी तरह एकजुट है और सब मिल कर काम कर रहे हैं।

कर्नाटक कांग्रेस की यह गुटबाजी ऐसे समय सामने आई है जब शिवकुमार ने कहा है कि जेडीएस के साथ कांग्रेस का गठबंधन ख़त्म हो गया है। इससे साफ है कि दोनों ही दल अब अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। राज्य में मई, 2023 में चुनाव होने हैं।

कुछ वक़्त पहले कांग्रेस ने असम में अपने सहयोगी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बाद बिहार में भी उसने दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में आरजेडी के सामने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

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