पिछले विधानसभा चुनाव से ही कर्नाटक में भाजपा का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। राज्यसभा में कुछ भाजपा विधायकों पर क्रॉस वोटिंग के आरोप लग रहे हैं। भाजपा ने एक विधायक का नाम लेकर इसकी पुष्टि की है। भाजपा विधायक एसटी सोमशेखर ने मंगलवार को राज्यसभा चुनावों के दौरान क्रॉस-वोटिंग की। एसटी सोमशेखर, जिन्होंने 10,000 से अधिक वोटों के महत्वपूर्ण अंतर के साथ पिछले चुनाव में यशवंतपुरा में जीत हासिल की थी। मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वोट देकर अपनी पार्टी को झटका दिया है।
कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक डोड्डानगौड़ा जी. पाटिल ने कहा, "यह पुष्टि हो गई है कि एसटी सोमशेखर ने क्रॉस वोटिंग की है। हम चर्चा कर रहे हैं कि क्या किया जा सकता है और क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।" लेकिन चीफ व्हिप ने भाजपा के कुछ अन्य विधायकों की क्रॉस वोटिंग पर चुप्पी साध ली।
एसटी सोमशेखर पिछले कई दिनों से इशारा कर रहे थे कि वो पार्टी में चल रही राजनीति से परेशान है। पिछले गुरुवार को उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक यशवंतपुर में बुलाई कि उन्हें क्या राजनीतिक कदम उठाना चाहिए। उनके समर्थकों ने उनसे कांग्रेस में जाने की सलाह दी। हालांकि उस दिन सोमशेखर ने कहा था कि वो भाजपा नहीं छोड़ेंगे। बाद में उनका आधिकारिक बयान आया।
अपने आधिकारिक बयान में एसटी सोमशेखर ने कहा- “चुनाव के दौरान, ऐसे लोग (भाजपा के) थे जिन्होंने मेरे खिलाफ काम किया। उन्होंने मुझे हराने की कोशिश की। मैंने ऑडियो-वीडियो सबूत सौंपे और कार्रवाई की मांग की। मैं चुनाव जीत गया और इसके बारे में भूल गया। लेकिन हाल ही में, मेरे खिलाफ काम करने वालों का जन्मदिन मनाने के लिए 300-400 लोग एक साथ आए। उन्होंने मेरी तस्वीर वाले भाजपा के बैनर का इस्तेमाल किया।'' हालांकि सोमशेखर ने उन भाजपा नेताओं के नाम लेने से इनकार कर दिया। सोमशेखर ने उन स्थानीय भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग फिर से उठाई है जिन्होंने उन्हें हराने के लिए जद (एस) से हाथ मिलाया था। उन्होंने कहा- “मेरी एकमात्र नाराजगी यह है कि कोई कार्रवाई नहीं की गई। चेतावनी भी नहीं! मुझसे पार्टी में बने रहने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?” उन्होंने कहा- अभी तो जिला, तालुक पंचायतों और बीबीएमपी के चुनाव भी आ रहे हैं। इस लाइन के जरिए भी उन्होंने पार्टी को अपनी राजनीति का संकेत दे दिया है।
कांग्रेस और जेडीएस के विधायक कहां
कर्नाटक में चार राज्यसभा सीटों के लिए भी मंगलवार को मतदान हो रहा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और जेडीएस को भी अपने विधायकों को साधने में मशक्कत करना पड़ी। क्रॉस वोटिंग के डर से, कांग्रेस और भाजपा-जेडीए गठबंधन दोनों ने अपने विधायकों को सोमवार को एक निजी रिसॉर्ट में जमा किया और चुनाव प्रक्रिया और वोट डालने के तरीके पर नए सदस्यों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की।223 सदस्यीय सदन में स्पीकर को छोड़कर कांग्रेस के पास 133 विधायक हैं, जबकि भाजपा और जेडीएस के पास क्रमशः 66 और 19 विधायक हैं। अन्य की संख्या चार है। हालांकि, रविवार को एक कांग्रेस विधायक की मौत हो गई थी। हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी को चार अन्य लोगों का समर्थन प्राप्त है।
चार अन्य में से, सत्तारूढ़ दल दो निर्दलीय और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया के समर्थन का दावा किया है, और तीन सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त है। दिलचस्प बात यह है कि चौथे - कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के जी. जनार्दन रेड्डी ने सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की थी। खनन कारोबारी रेड्डी भाजपा के पूर्व मंत्री हैं। यही वजह है कि कांग्रेस जीत के प्रति आश्वस्त है।