कानपुर हिंसा में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लग रहा है। लेकिन पुलिस ने जिन 36 लोगों को गिरफ्तार किया है, वे सभी मुसलमान हैं। इस सिलसिले में पथराव के जो वीडियो सामने आए थे, उनमें साफ दिखा था कि दोनों समुदाय एक दूसरे पर पथराव कर रहे हैं। वीडियो के सबूत काफी अहम हैं और सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं।
शहर काज़ी अब्दुल कुद्दूस हादी ने कहा कि अगर हिंसा होती है, तो दो पक्ष होते हैं। पुलिस ने एक पक्ष के खिलाफ कार्रवाई की है जबकि दूसरा पक्ष जो अपराध के लिए समान रूप से जिम्मेदार है उसे छोड़ दिया जा रहा है। अपने दावे के समर्थन में उन्होंने कहा कि एफआईआर में नामजद सभी 36 लोग एक समुदाय से थे। अन्य समुदायों के सदस्यों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जाता है या उनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की जा रही है।
हादी का दावा है कि जब वह कानपुर के पुलिस आयुक्त के आह्वान पर लोगों को शांत करने गए तो उनके और उनके बेटों के साथ मारपीट की गई। यह सभी को देखना चाहिए। इसके पक्ष में वीडियो सबूत हैं। फिर भी पुलिस ने मेरे एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया।
दो बच्चों की मां सना का दावा है कि उनके पति मोहम्मद नासिर हिंसा की जगह से करीब 5 किलोमीटर दूर बकरा मंडी में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस हमारे कुछ रिश्तेदारों को गिरफ्तार करने के लिए हमारे घर आई थी, लेकिन उन्हें खोजने में नाकाम रहने पर पुलिस मेरे पति को ले गई। उनके पति एफआईआर में नामित 36 आरोपियों में से एक हैं। हिंदुत्व वॉच के एक हैंडल में एक मुस्लिम आदमी को भीड़ द्वारा पीटते हुए दिखाया गया है। पुलिसकर्मी मौजूद हैं। बाद में अन्य पुलिसकर्मियों ने उस व्यक्ति को बचा लिया।
उनका कहना है कि उनके एक रिश्तेदार ने नूपुर शर्मा के बयान के लिए कर्नलगंज थाने में बीजेपी प्रवक्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। मेरे पति का उस शिकायत से कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
नर्सिंग की छात्रा शिफा अनम ने कहा कि उसके भाई साजिद हुसैन को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वह उसे स्कूल से लेने आ रहा था। साजिद वीडियो में नहीं दिख रहा है, फिर भी पुलिस ने उसे उठाया और उसे एक आरोपी के रूप में नामजद किया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वीडियो साक्ष्य के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, हमारे पास आरोपियों के खिलाफ फुलप्रूफ मामला है और हम अदालत में उनके आरोप साबित करेंगे।