कंगना के किसान विरोधी बयान पर हिमाचल विधानसभा में प्रस्ताव, FIR की मांग, भाजपा को आपत्ति
हिमाचल विधानसभा में बुधवार को सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच नारेबाजी और तीखी नोकझोंक देखी गई। मानसून सत्र के शुरुआती दिन विधानसभा में किसान आंदोलन पर मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत की टिप्पणी पर सदन में सख्त विरोध हुआ।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कंगना की टिप्पणी की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में कहा गया कि “कंगना की टिप्पणी पूरे देश के किसानों का अपमान है। विपक्ष सदन छोड़कर चला गया है लेकिन हम इस मुद्दे पर भाजपा का रुख जानना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी यह कहकर उनकी टिप्पणी से अपना पल्ला झाड़ लिया है कि वह बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। लेकिन सदन में तो भाजपा को बोलना चाहिए।
चौहान ने कहा कि किसानों को बलात्कारी और आतंकवादी कहना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, "सदन को इस पर बहस करानी चाहिए और पूरे देश का पेट भरने वाले किसानों के खिलाफ इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियों की निंदा करनी चाहिए।" विपक्ष के वॉकआउट के बाद सदन में लौटने के बाद उन्होंने कंगना की टिप्पणी पर भाजपा का रुख पूछा।
सदन में कंगना का मुद्दा उठाए जाने पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति जताई तो सत्ता पक्ष के विधायक भी खड़े हो गए। जब स्पीकर ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की तो जवाबी नारेबाजी हुई।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि सदन मंडी सांसद की आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा कर रहा है। उन्होंने कहा, ''वे (विपक्ष) भी भाजपा नेतृत्व का हिस्सा हैं इसलिए वे भाजपा नेतृत्व के रुख से सहमत हैं।'' नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने यह बहाना लिया कि जो व्यक्ति सदन में अपना बचाव नहीं कर सकता, उस पर बहस नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी ने इस मुद्दे की निंदा की है इसलिए इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और न ही इसे सदन में उठाया जाना चाहिए।"
इस पर राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि उनकी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी से राज्य में गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा, “बल्कि, मैं सीएम से अनुरोध करता हूं कि वह मंडी सांसद के खिलाफ मामला दर्ज कराएं ताकि किसानों का अपमान करने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा न हो।”
कंगना की टिप्पणी के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करते हुए ठियोग विधायक कुलदीप राठौड़ ने कहा कि आंदोलन में 700 किसानों की जान चली गई है। राठौड़ ने कहा, ''विपक्ष की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वे भी किसानों पर कंगना की टिप्पणी का समर्थन करते हैं।''