एमपी के अस्पताल ने हिन्दू को मुस्लिम का खून चढ़ाने से किया इनकार!
लीजिए, अब ख़ून भी हिंदू-मुस्लिम का हो गया! तो क्या मरते हिंदू मरीजों को भी अब मुस्लिम का ख़ून नहीं चढ़ेगा? दरअसल, हिन्दू-मुस्लिम बँटवारे की राजनीति से जुड़ी एक बेहद खौफनाक तस्वीर मध्य प्रदेश में सामने आयी है। बिना कोई ठोस कारण बताये एक हिन्दू महिला को मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल ने कथित तौर पर मुस्लिम का खून चढ़ाने से मना कर दिया। आरोप है कि शिकायत के बावजूद मामले को ठंडे बस्ते में डालकर रफा-दफा कर दिया गया।
मामला मध्य प्रदेश के पन्ना जिला अस्पताल का है। जिले के अजय गढ़ निवासी पवन सोनकर अपनी बीमार मां को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। उपचार के चलते उन्हें खून की कमी हुई। डॉक्टरों ने खून की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। सामने आया है कि अजय अपने एक मित्र को लेकर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें यह कहकर बेरंग लौटा दिया गया कि हिन्दू को मुस्लिम का खून नहीं चढ़ पायेगा। पूरे घटनाक्रम से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ तो लोगों के कान खड़े हुए। स्थानीय मीडिया में मामला रिपोर्ट हुआ। चूंकि मीडिया स्थानीय और छिटपुट था, लिहाजा बात आयी गई हो गई।
शनिवार 7 अगस्त को भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने छतरपुर में कांग्रेस के पुराने नेता की कोठी गिराये जाने से जुड़ी राजनीतिक दलों की रिपोर्ट मीडिया से साझा करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। इस प्रेस कांफ्रेंस के प्रेस नोट में पन्ना जिले की ब्लड बैंक की घटना का एक लाइन में जिक्र किया गया।
प्रेस नोट में कहा गया, ‘पन्ना के अलावा दमोह जिले के हटा में हिन्दुओं को आह्वान किया जा रहा है कि वे मुसलमानों की दुकानों से कोई सामान नहीं खरीदें। छतरपुर की घटना को इसी सारी पृष्ठभूमि से जोड़कर देखे जाने की जरूरत है।
प्रेस नोट की पन्ना ब्लड बैंक वाली लाइन की ‘सत्य हिन्दी’ ने पड़ताल की तो चौंकाने वाला पूरा घटनाक्रम सामने आ गया। छानबीन में सामने आया कि मसला जुलाई महीने का है। वायरल हुआ वीडियो भी ‘सत्य हिन्दी’ को मिल गया।
वायरल वीडियो का पूरा वृतांत
कुल 46 सेकेंड के वायरल वीडियो में एक शख्स (पवन सोनकर, साथ खड़े डोनर की ओर इशारा कर) ब्लड बैंक मुलाजिम (श्री शर्मा) से पूछ रहा हैः-
शख्स: किस ने कहा है, इनका खून नहीं चढ़ेगा?
ब्लड बैंक मुलाजिम: हां-हां, हमने कहा है, वो है हिन्दू, ये मुसलमान।
शख्स: उससे क्या प्रॉब्लम है?
ब्लड बैंक मुलाजिम: प्रॉब्लम है ना, डोनर आते यहां पर हम लोगों की नौकरी का चक्कर होता है।
शख्स: लिखकर दे दीजिये, किसी भी मुस्लिम का खून हिन्दू को नहीं चढ़ेगा।
ब्लड बैंक मुलाजिमः (लिखकर देने के दबाव के बाद...कह रहा है), ‘नहीं मुस्लिम-हिन्दू की बात नहीं, डोनर वाली बात है।’
शख्स: जब डोनर देने को तैयार है तो फिर....(इस वाक्य पर...वीडियो खत्म हो जाता है)।
इस मामले को रिपोर्ट करने वाले स्थानीय पत्रकार अरविन्द सिंह यादव से ‘सत्य हिन्दी’ ने संपर्क किया। यादव ने बताया, ‘पूरे मामले की शिकायत हुई है, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है।’ अरविन्द यादव ने मामले को गंभीर और शर्मनाक भी करार दिया।
पूरे मामले लेकर प्रतिक्रिया के लिए ‘सत्य हिन्दी’ ने पन्ना जिला अस्पताल के सीएमओ एस.के.त्रिपाठी से संपर्क साधा। उन्होंने कहा, ‘वे हाल ही में स्थानांतरित होकर आये हैं। घटना के बारे में अधीक्षक डॉक्टर आलोक गुप्ता बता पायेंगे। लैब उन्हीं के अधीन है।’
इसके बाद ‘सत्य हिन्दी’ ने डॉक्टर गुप्ता को फोन लगाया। संदेश छोड़ा। उनका फोन नहीं उठा। संदेश का जवाब भी नहीं आया। जवाब आने पर उनकी प्रतिक्रिया शामिल की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट जायेंगे
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छतरपुर घटना को हिन्दू-मुस्लिम राजनीति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, साझा दलों की रिपोर्ट में सामने आ गया है कि बिना नोटिस के कोठी गिराई गई। अनुमतियों को भी नजरअंदाज किया गया। केवल मुसलिम होने का खामियाजा कोठी मालिक और उसके परिवारजनों को भुगतना पड़ा।
दिग्विजय सिंह ने राज्य की कई और पुरानी घटनाओं को गिनाते हुए कहा, सभी मामलों को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट जायेंगे। बुल्डोजर न्याय के खिलाफ याचिकाओं को सुन रही बेंच से अनुरोध करेंगे, मध्य प्रदेश की इंदौर हाईकोर्ट में लगी उनकी 2021 की पुरानी याचिका को सुप्रीम कोर्ट की बेंच अपनी सुनवाई में शामिल कर ले।
छतरपुर मुस्लिम कांग्रेसी नेता की कोठी गिराये जाने की पड़ताल के लिए कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल एवं समानता दल के नेता और रिटयार्ड अतिरिक्त श्रम आयुक्त गए हुए थे। यह दल, घटनाक्रम की पड़ताल करने के बाद शुक्रवार को छतरपुर से भोपाल लौटा। शनिवार को भोपाल में साझा प्रेस कांफ्रेंस की गई।