झारखंड विधानसभा चुनाव में बृहस्पतिवार को तीसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है। इस चरण में 17 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इन सीटों में रांची, हटिया, कांके, रामगढ़ और बरकट्टा में शाम 5 बजे तक मतदान होगा। वहीं, अन्य 12 सीटों पर शाम 3 बजे तक मतदान होगा। इन सीटों में कोडरमा, बरही, बड़कागाँव, रामगढ़, राजधनवार, गोमिया, बेरमो, ईचागढ़, सिल्ली, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया और खिजरी शामिल हैं। झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं। चौथे चरण के लिए 16 दिसंबर और पांचवें चरण के लिए 20 दिसंबर को मतदान होगा और चुनाव नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे।
ये हैं प्रमुख उम्मीदवार
इस चरण के प्रमुख नेताओं में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के अध्यक्ष सुदेश महतो सिल्ली से, राज्य सरकार में मंत्री सीपी सिंह राँची से, मंत्री डॉ. नीरा यादव कोडरमा से, आजसू नेता चंद्र प्रकाश चौधरी रामगढ़ से, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी राजधनवार सीट से चुनाव मैदान में हैं।2014 में हुए विधानसभा के चुनाव में एनडीए को 42 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसमें बीजेपी को 37 और आजसू को 5 सीटों पर जीत मिली थी। विपक्षी दलों को 39 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसमें जेएमएम को 19, जेवीएम को 8, कांग्रेस को 6 और अन्य को 6 सीटें मिली थी। झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं।
बीजेपी की राह आसान नहीं
झारखंड में इस बार बीजेपी की राह आसान नहीं मानी जा रही है क्योंकि रघुबर दास सरकार में शामिल रही आजसू के उसका साथ छोड़ने से उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद बीजेपी को उम्मीद थी कि वह झारखंड का चुनाव आसानी से जीत लेगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी-आजसू को 12 सीटों पर जीत मिली थी। इसलिए बीजेपी ने ‘मिशन 65 प्लस’ का नारा दिया था। लेकिन आजसू के चुनाव के मौक़े पर झटका देने से बीजेपी के लिए मुक़ाबला कठिन हो गया है और इसलिए इस बार उसके लिए लड़ाई बेहद कड़ी मानी जा रही है।
बीजेपी-विपक्ष ने झोंकी ताक़त
बीजेपी और विपक्ष ने झारखंड को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। बीजेपी की ओर से पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कई अन्य नेताओं ने राज्य में जमकर चुनावी रैलियां की हैं। बीजेपी ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को मुद्दा बनाया है। मोदी से लेकर सभी बड़े नेता चुनावी रैलियों में इसका जिक्र कर रहे हैं। अमित शाह भी अपनी चुनावी रैलियों में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) का मुद्दा उठाते हैं।
दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के लिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने चुनावी रैलियां की हैं और राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार बनाने की अपील की है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी कई सीटों पर काफ़ी मेहनत की है।