सुबह जॉगिंग पर निकले धनबाद के ज़िला जज उत्तम आनंद को पीछे से ऑटो से धक्का जानबूझ कर मारा गया था। केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने सीसीटीवी फ़ुटेज देखने और उसके 3-डी विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट को यह जानकारी दी है।
बता दें कि पिछले महीने हुई इस वारदात में शुरुआती रिपोर्ट आई थी कि जज की मौत ऑटो की टक्कर से हुई। लेकिन इसके साथ ही हत्या की आशंका जताई जा रही थी।
वीडियो क्लिप में दिख रहा था कि जज उत्तम आनंद सड़क किनारे मॉर्निंग वॉक पर थे और पूरी सड़क खाली थी। लेकिन ऑटो ड्राइवर ऑटो को बीच सड़क से किनारे ले आया और जज को टक्कर मारकर फरार हो गया।
इस घटना की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया था। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस से इस मामले में बात की थी।
सीबीआई जाँच
इसके बाद झारखंड सरकार ने सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी।
सीबीआई की जाँच अंतिम चरण में है। 'एनडीटीवी' के अनुसार, एजेन्सी फोरेंसिक रिपोर्ट और फीजिकल रिपोर्ट का मिलान कर रही है। सीबीआई ने गांधीनगर, दिल्ली और मुंबई की चार अलग-अलग एजेंसियों को फोरेंसिक जाँच करने को कहा था। सबका अध्ययन किया जा रहा है।
इसके अलावा ब्रेन मैपिंग, नार्को एनलिसिस और लाई डिटेक्टर की जाँच की रिपोर्टें भी आ गई हैं।
जिन्हें गिरफ़्तार किया गया था, उनकी पहचान ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके सहायक राहुल वर्मा के रूप में की गई है। यह ऑटोरिक्शा किसी महिला के नाम पंजीकृत है।
एसआईटी जाँच
बता दें कि इसके पहले मामले की जाँच कर रही एसआईटी यानी विशेष जाँच दल को झारखंड हाई कोर्ट ने ज़बरदस्त फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था कि झारखंड पुलिस 'एक ख़ास जवाब' पाने के लिए ख़ास 'सवाल पूछ रही है'। अदालत ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लिया था।
हाई कोर्ट ने कहा था कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत 'सिर पर कठोर और कुंद पदार्थ से चोट लगने के कारण' हुई थी। इसी का हवाला देते हुए कोर्ट ने पूछा था कि ऐसे में पुलिस क्यों पूछ रही थी कि क्या गिरने के कारण ऐसी चोटें संभव हैं।