झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक नाटकीय घटनाक्रम में, पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी नेता चंपाई सोरेन ने राज्य में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 'जासूसी के आरोप' लगाए हैं। दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है और झारखंड विशेष शाखा के दो पुलिसकर्मियों को, जो कथित तौर पर पिछले पांच महीनों से चंपई सोरेन का पीछा कर रहे थे, पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
जासूसी चंपाई की, जानकारी हिमंता बिस्वा सरमा ने दी
भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे “स्वतंत्र भारत में राजनीतिक निगरानी का सबसे बड़ा मामला” बताया। इसका विवरण साझा करते हुए बुधवार को कहा, “स्वतंत्र भारत के इतिहास में कभी भी कोई मौजूदा मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) ऐसा करता नहीं पाया गया। हेमंत ने अपने ही कैबिनेट सहयोगी की निगरानी का आदेश दिया। आपने कहानियाँ सुनी होंगी कि असम के दिवंगत मुख्यमंत्री ने मेरी निगरानी का आदेश दिया था लेकिन उस समय कोई सबूत नहीं था।असम के सीएम और झारखंड के चुनाव इंचार्ज हिमंता ने बुधवार को दिल्ली में कहा- चंपई सोरेन के मामले में, झारखंड विशेष शाखा के दो पुलिसकर्मियों को पूर्व सीएम का पीछा करते हुए पकड़ा गया। जब भी वो दिल्ली आते थे, उनका पीछा किया जाता था। इन दोनों पुलिसकर्मियों को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के ताज होटल से गिरफ्तार किया। जहां उन्होंने चंपाई सोरेन वाली मंजिल पर एक कमरा बुक किया था, जो कुछ दिन पहले दिल्ली में थे।” सरमा ने कहा, मैंने चंपाई सोरेन को होटल बदलने की सलाह दी थी।
सरमा ने दावा किया कि गिरफ्तार पुलिसकर्मियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्हें झारखंड विशेष शाखा प्रमुख ने चंपाई सोरेन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कहा था। सरमा का दावा है कि “यह जासूसी पांच महीने से चल रही है और इस पर बहुत सारा पैसा खर्च किया जा रहा है। अब चंपाई सोरेन ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई है और जांच चल रही है। हमारे पास पुलिस का विवरण और उनकी तस्वीरें हैं।” सरमा ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है।
खास बात यह है कि चंपाई 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे। वो अभी भी झारखंड के जल संसाधन मंत्री बने हुए हैं औऱ पद से इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन भाजपा उनकी पूरी निगरानी कर रही है। जासूसी का आरोप असम के मुख्यमंत्री ने लगाया है। चंपाई ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा।
सरमा ने बताया कि झारखंड बीजेपी राज्य के राज्यपाल से मिलकर मामले की जांच की मांग करने जा रही है। सरमा ने कहा कि चंपाई के फोन भी टैप किए गए होंगे और उन्हें हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिशों के भी सबूत हैं। सरमा ने झामुमो-कांग्रेस पर निजता के संवैधानिक रूप से गारंटीकृत मौलिक अधिकार को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा, “एक महिला ताज होटल में इन दो पुलिसवालों से मिलने गई थी और हो सकता है कि चंपाई सोरेन को फंसाने की साजिश रची गई हो।”
सरमा ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो कहते हैं कि वे संविधान के संरक्षक हैं। सच्चाई से दूर कुछ भी नहीं हो सकता है। सरमा पिछले हफ्ते की शुरुआत में चंपाई के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए थे और उनके भाजपा में प्रवेश का रास्ता साफ किया था। चंपाई सोरेन कुछ दिन पहले दिल्ली आए थे और होटल ताज में रुके थे। अब सरमा ने आरोप लगाया कि दो जासूसों को उनका पीछा करते और तस्वीरें खींचते हुए पाया गया और बाद में उन्हें दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।