देश भर में कोरोना टीके की कमी के बीच जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में शनिवार को एक भी वैक्सीन नहीं लग पाई। घाटी के 1.4 करोड़ की आबादी वाले 10 ज़िलों में भी सिर्फ़ 504 लोगों को शनिवार को टीके लगाए जा सके। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। राज्य में पिछले कई दिनों से वैक्सीन की कमी की शिकायतें आ रही हैं।
श्रीनगर नगर निगम के कॉर्पोरेटर दानिश भट ने ट्वीट किया कि उन्होंने लाल बाज़ार पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने लिखा, 'वैक्सीन की कमी के कारण छह दिनों से वहाँ टीकाकरण बंद है।' उन्होंने कहा कि ज़िले के उच्चाधिकारी से बात की तो उन्होंने जल्द ही इसे शुरू करने का आश्वासन दिया है।
यह तो हुई श्रीनगर के एक टीकाकरण केंद्र की स्थिति, लेकिन दूसरे केंद्रों पर भी यही स्थिति है। एक रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को श्रीनगर ज़िले में एक भी टीका नहीं लगाया जा सका। 'एनडीटीवी' ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि क्षेत्र में टीके उपलब्ध नहीं हैं और पिछले हफ़्ते से टीके नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि आख़िरी बार टीके एक हफ़्ते पहले शनिवार को आए थे। रिपोर्ट के अनुसार घाटी के दस ज़िलों में शनिवार को सिर्फ़ 504 लोगों को टीका लगाया जा सका।
जम्मू और कश्मीर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शायद प्रतीकात्मक रूप से ही आगे बढ़ा है। 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए केवल दो टीकाकरण केंद्र हैं जहाँ एक दिन में केवल 300 टीके लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक सप्ताह से आपूर्ति ठप होने के बाद इसे भी रोक दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में 28 लाख वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। इनमें सुरक्षा बल और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अधिकांश सुरक्षाकर्मियों को दोनों खुराकें मिल चुकी हैं।
इस मामले में जम्मू ने हालाँकि अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है। शनिवार को लगभग 14,000 लोगों को टीका लगाया गया था लेकिन यह नियमित टीकाकरण संख्या से बहुत कम था।
बता दें कि देश भर में टीके की कमी और टीके पर नीति को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की जा रही है। इन्हीं आलोचनाओं के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को दावा किया है कि भारत में जुलाई के अंत तक टीकों की 51.6 करोड़ खुराकें दी जा चुकी होंगी। उन्होंने कहा कि टीके की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसके उत्पादन में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि उत्पादन के साथ ही वैक्सीन को ज़रूरत के हिसाब से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वितरित भी की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक को मंजूरी मिल गई और अन्य कई नई वैक्सीन भी आने वाली हैं। इससे अगस्त-दिसंबर के बीच देश में 216 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएँगी।