जम्मू और कश्मीर में मंगलवार को तीसरे और अंतिम चरण का मतदान हो रहा है, जिसमें 39 लाख से अधिक मतदाता 40 विधानसभा सीटों पर अपने वोट डाल रहे हैं। इसमें 24 सीटें जम्मू क्षेत्र में और 16 सीटें कश्मीर में हैं। मतदान शाम 7 बजे तक चलेगा, जिसमें 415 उम्मीदवारों का भविष्य तय होगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दो अन्य प्रमुख खिलाड़ी हैं। इन चुनावों में मुख्य मुद्दा पाकिस्तानी शरणार्थी, वाल्मिकी समाज और गोरखा समुदाय की भागीदारी है, जिन्हें अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में मतदान का अधिकार मिला है।
मंगलवार 1 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक 40 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 44.8% मतदान हो चुका है।
तीसरे चरण के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में - पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद लोन, नेशनल पैंथर्स पार्टी इंडिया के अध्यक्ष देव सिंह, जम्मू और कश्मीर के मंत्री रमन भल्ला (आरएस पुरा), उस्मान माजिद (बांदीपोरा), नजीर अहमद खान (गुरेज़), ताज मोहिउद्दीन (उरी), बशारत बुखारी (वागूरा-क्रीरी), इमरान अंसारी (पट्टन), गुलाम हसन मीर (गुलमर्ग), और चौधरी लाल सिंह (बसोहली) शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए एग्जिट पोल 5 अक्टूबर को आयेंगे। क्योंकि उसी दिन हरियाणा में भी मतदान है। मतदान के बाद दोनों राज्यों के एग्जिट पोल जारी होंगे। दोनों राज्यों के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
इस चुनाव में जमात ए इस्लामिया समर्थित प्रत्याशियों की खास भूमिका है। जमात के पूर्व महासचिव डॉ. कलीमुल्ला के बेटे, जो लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, ने मंगलवार सुबह अपना वोट डाला। जमात समर्थित उम्मीदवार 35 साल बाद चुनाव में भाग ले रहे हैं।
18 सितंबर को 24 सीटों पर मतदान के पहले चरण में 61.13% मतदान हुआ, जबकि लोकसभा चुनाव जो गर्मी में हुए थे, उसमें 58.46% मतदान हुआ था, जो 35 वर्षों में हुए चुनावों में सबसे अधिक था। दूसरे चरण में, 25 सीटों पर 56.95% मतदान हुआ। हालांकि दूसरे चरण में मतदान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में हुए थे। इसलिए इसे बड़ी उपलब्धि मानी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में वोट डालने का आग्रह किया। दोनों नेताओं ने अलग-अलग बयान में कहा कि मतदान से ही लोकतंत्र मजबूत होता है। इसलिए मतदान जरूरी है।
जम्मू संभाग में, जम्मू जिले में सबसे अधिक 11 बिश्नाह-एससी, सुचेतगढ़-एससी, आरएस पुरा, जम्मू दक्षिण, बाहु, जम्मू पूर्व, नगरोटा, जम्मू पश्चिम, जम्मू उत्तर सीटें हैं। अखनूर-एससी और छंब भी इसी में हैं। इसके बाद कठुआ जिले में छह सीटें (बानी, बिलावर, बसोहली, जसरोटा, कठुआ-एससी और हीरानगर), उधमपुर जिले में चार (उधमपुर पश्चिम, उधमपुर पूर्व, चेनी और रामनगर-एससी) और तीन सांबा (रामगढ़-एससी, सांबा और विजयपुर) में हैं। इसी तरह कश्मीर संभाग में करनाह, त्रेघम, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा और लंगेट सहित 16 विधानसभा क्षेत्र हैं। जिसमें कुपवाड़ा जिले में, सोपोर, रफियाबाद, उरी, बारामूला, गुलमर्ग, वागूरा-क्रीरी और पट्टन बारामूला जिले में और सोनावारी, बांदीपोरा, गुरेज ( एसटी) बांदीपोरा जिले में है।