जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से ही पहले हिरासत और फिर राजनीतिक नज़रबंदी में रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को मंगलवार को रिहा कर दिया गया। दो हफ़्ते पहले उमर के पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला को भी रिहा कर दिया गया था। जबकि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती अभी भी नज़रबंद हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने बीते साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया था और उसे दो हिस्सों में बांट दिया था।
उमर अब्दुल्ला पर सरकार ने पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (पीएसए) लगाया था। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ उमर से पीएसए भी हटा लिया जाएगा। उन पर बीती 5 फ़रवरी को पीएसए लगाया गया था। नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर कुल 232 दिन तक हिरासत और नज़रबंदी में रहे। उमर की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने भाई को रिहा किये जाने की मांग की थी।
पीएसए के तहत आतंकवादियों, अलगाववादियों और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाती रही है। यह पहली बार हुआ जब मुख्यधारा के राजनेताओं पर पीएसए लगाया गया।