जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने मंगलवार को 5 ग़ैर कश्मीरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। यह घटना उस दिन हुई है जब यूरोपीय सांसदों का 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक़, सुरक्षा बलों ने इलाक़े की घेराबंदी कर ली है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मौक़े पर सुरक्षा बलों के और जवानों को भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिन मजदूरों की हत्या की गई है, वे पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे।
सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा व्यवस्था काफ़ी सख़्त है। लेकिन बावजूद इसके आतंकवादियों ने इतने बड़े हमले को कैसे अंजाम दे दिया। इससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं।
सोमवार को ही सोपोर में एक बस स्टैंड पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें 20 लोग घायल हो गये थे और अनंतनाग में नारायण दत्त नाम के एक ट्रक ड्राइवर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
5 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला कर दिया था। इसमें 10 लोग घायल हो गए थे। यह हमला अनंतनाग के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हुआ था। आतंकवादियों ने पेट्रोलिंग कर रहे सुरक्षा बलों पर सुबह 11 बजे बम फेंका था। इससे पहले 28 सितंबर को आतंकवादियों ने श्रीनगर के में सीआरपीएफ़ के सुरक्षा कर्मियों पर बम फेंका था।
पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ में आतंकवादियों ने 3 निहत्थे पुलिस वालों को गाड़ी से उतारकर मार डाला था। मारे जाने वालों में हेड कांस्टेबल मुश्ताक अहमद, कांस्टेबल निसार अहमद और कांस्टेबल शबीर अहमद शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही आतंकवादी बौखलाये हुए हैं। इस घटना से पहले पिछले 15 दिनों में जम्मू-कश्मीर में ग़ैर-कश्मीरियों पर चार हमले हो चुके हैं जिनमें छह लोग मारे गए और एक व्यक्ति घायल हो गया। इन घटनाओं से पता चलता है कि हमलावर राज्य में बाहर से आये लोगों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं।
पहला हमला 14 अक्टूबर को हुआ था, जब राजस्थान के एक ट्रक ड्राइवर शरीफ़ ख़ान की हत्या कर दी गई थी और एक अन्य को घायल कर दिया गया था। उसके दो ही दिन बाद पंजाब के फल व्यापारी तरनजीत सिंह और छत्तीसगढ़ के ईंट-भट्ठा मज़दूर सेठी कुमार सागर को मार डाला गया। एक और हमला 24 अक्टूबर को हुआ जिसमें राजस्थान के ही एक और ट्रक चालक मोहम्मद इलियास सहित दो लोगों की जान चली गई। दूसरे व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है लेकिन समझा जाता है कि वह भी कश्मीर से बाहर का ही था।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये हुए ढाई महीने से ज़्यादा का वक़्त हो चुका है लेकिन इन आतंकवादी घटनाओं को देखकर कहा जा सकता है कि अभी तक घाटी में हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। कुछ दिनों पहले ख़बरें आई थीं कि केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कश्मीर में कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतरे थे और उन्होंने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी और सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया था।