केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के बाद से अब तक वहां सिर्फ़ 2 लोगों ने ज़मीन ख़रीदी है। यह बात इसलिए रोचक है कि धारा 370 के हटने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे संदेशों की बाढ़ आ गयी थी कि वे कश्मीर में ज़मीन ख़रीदेंगे और कश्मीरी युवतियों से शादी कर वहीं बस जाएंगे।
लोकसभा में यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी। राय ने कहा कि 2 लोगों ने भी सिर्फ़ 2 ही संपत्तियां ख़रीदी हैं।
क्या बाहरी राज्यों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी ख़रीदने में किसी तरह की दिक्क़त का सामना करना पड़ रहा है, इस सवाल के जवाब में राय ने कहा कि ऐसी कोई घटना अब तक सरकार के सामने नहीं आई है।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा और 370 हटाने के साथ ही इसे दो भागों में बांट दिया था। इसके बाद राज्य के बड़े नेताओं फारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को लंबे वक़्त तक के लिए नज़रबंद कर दिया गया था। 370 हटाए जाने के बाद इस साल 24 जून को पहली बार जम्मू-कश्मीर के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी।
धारा 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने डोमिसाइल को नए सिरे से सामने रखा था। इसके मुताबिक़, 15 साल से राज्य में रह रहा कोई भी शख़्स इसका स्थानीय निवासी बन सकता है।
जम्मू-कश्मीर से 370 को हटाने से पहले वहां की विधानसभा के पास यह ताक़त थी कि वह वहां के स्थायी निवासी की परिभाषा को तय करे और इन्हीं स्थायी निवासियों को हक़ था कि वे नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते थे। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसमें संशोधन किया था।
डींगे मार रहे थे लोग
बहरहाल, बाहर से आए सिर्फ़ दो लोगों का जम्मू-कश्मीर में ज़मीन ख़रीदना इस बात को बताता है कि सोशल मीडिया पर लंबी-चौड़ी डींगे मारने वाले लोग सिर्फ़ झूठ बोल रहे थे। उस वक़्त उनकी इन बातों की सोशल मीडिया पर काफी खिल्ली भी उड़ाई गई थी। ताज़ा हालात सरकार के उन दावों पर भी सवाल खड़ा करते हैं जिनमें सरकार ने कहा था कि 370 के हटने के बाद राज्य में हालात सामान्य हो जाएंगे और बाहरी लोग आकर यहां निवेश करेंगे जिससे कि यहां के लोगों को रोज़गार मिलेगा।
कश्मीर में आए दिन आतंकियों की घुसपैठ और सेना के साथ हो रही मुठभेड़ की ख़बरों को देखकर नहीं कहा जा सकता कि वहां हालात सामान्य हो गए हैं।
सरकार ख़ुद ही कह रही है कि बीते दो साल में बाहर से आए सिर्फ़ दो लोगों ने वहां ज़मीन ख़रीदी है। इसका मतलब यह हुआ कि भारत के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में आने से लोग हिचक रहे हैं।