मिलिंद देवड़ा ने रविवार को कांग्रेस छोड़ दी। वह शिंदे खेमे की शिवसेना में चले गए। उनका परिवार 55 वर्षों से कांग्रेस से जुड़ा रहा था। तो सवाल है कि आख़िर मिलिंद देवड़ा ने पार्टी क्यों छोड़ी? जाहिर है देवड़ा ने कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही। उद्धव की शिवसेना के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर भी नाखुशी जाहिर की। मिलिंद द्वारा बताई गई वजह के विपरीत कांग्रेस ने उनके पार्टी छोड़ने की वजह दूसरी बतायी है।
कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि मिलिंद के पार्टी छोड़ने की घोषणा का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल की यात्रा का मुकाबला करने के लिए हेडलाइन प्रबंधन के लिए निर्धारित किया। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि इसका कोई असर नहीं होगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीटीआई से कहा कि एक मिलिंद देवड़ा चले जाते हैं लेकिन हमारे संगठन और विचारधारा में विश्वास रखने वाले लाखों मिलिंद मौजूद हैं।
तो क्या मिलिंद ने एकाएक से कांग्रेस को छोड़ने का फ़ैसला ले लिया? इसको लेकर पहले से ही कयास लगाये जा रहे थे। ख़ासकर तब जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कह दिया था कि उसके जितने भी मौजूदा सांसद हैं वे सीटें लोकसभा चुनाव में उनके पास ही रहेंगी। कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन है, तो मिलिंद की सीट शिवसेना को जाती दिख रही थी।
ऐसा इसलिए कि जिस लोकसभा सीट से मिलिंद लड़ते रहे थे वहाँ से 2019 में इसे उद्धव खेमे के सांसद अरविंद सावंत ने जीता था। मिलिंद देवड़ा मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रहे हैं। इस बार माना जा रहा है कि शिवसेना उस सीट पर दावा कर रही है। इसको लेकर मिलिंद ने कांग्रेस से चिंता भी जाहिर की थी।
बहरहाल, जयराम रमेश ने पीटीआई से कहा कि मिलिंद देवड़ा ने इस शुक्रवार को उनसे फोन पर बात की थी और अनुरोध किया था कि वह दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के दावे पर अपनी चिंताओं पर राहुल गांधी से बात करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, 'उन्होंने मुझे शुक्रवार सुबह 8:52 बजे मैसेज किया और फिर दोपहर 2:47 बजे मैंने जवाब दिया, 'क्या आप स्विच करने की योजना बना रहे हैं?'। 2:48 बजे उन्होंने मैसेज भेजा, 'क्या आपसे बात करना संभव नहीं है?' मैंने कहा कि मैं आपको फोन करूंगा और 3:40 पर मैंने उनसे बात की।'
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता है कि यह मौजूदा शिवसेना की सीट है, वह राहुल गांधी से मिलना चाहते थे और उन्हें सीट के बारे में बताना चाहते थे और यह भी चाहते थे कि मैं राहुल गांधी से इस बारे में बात करूं।' जयराम रमेश ने आरोप लगाया, 'जाहिर तौर पर यह सब एक दिखावा था और उन्होंने जाने का मन बना लिया था। उनके जाने की घोषणा का समय स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित किया गया था।' एएनआई से भी बातचीत में भी उन्होंने बार-बार जोर देकर कहा कि यह पीएम मोदी ने किया है।
मिलिंद की घोषणा के समय की ओर इशारा करते हुए जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि यह पीएम द्वारा तय किया गया है और देवड़ा सिर्फ एक कठपुतली थे। उन्होंने पीटीआई से कहा, ''भारत जोड़ो न्याय यात्रा सभी अख़बारों, टीवी, हर जगह है। इसलिए प्रधानमंत्री हेडलाइन प्रबंधन के गुरु हैं और उन्होंने 'मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ी' शीर्षक दिया है, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।''
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर सात बार के कांग्रेस सांसद मुरली देवड़ा के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा, 'उनके सभी राजनीतिक दलों में करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक कट्टर कांग्रेसी थे, जो हर दुख-सुख में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे।'