जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक और पत्रकार गौहर गिलानी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है। गिलानी पर सोशल मीडिया पर लिखी उनकी पोस्ट्स को लेकर मुक़दमा दर्ज किया गया है। गिलानी पर आरोप लगाया गया है कि उनकी सोशल मीडिया पोस्ट्स राष्ट्रीय एकता, अखंडता और भारत की सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह से प्रेरित हैं।
दो दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर की फ़ोटोग्राफर मशरत ज़ाहरा पर सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर ग़ैरक़ानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए लगाया गया था। इसके अलावा ‘द हिंदू’ अख़बार के श्रीनगर संवाददाता पीरज़ादा आशिक़ के ख़िलाफ़ भी यूएपीए लगाया गया है।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि श्रीनगर के निवासी गिलानी की गैर-क़ानूनी गतिविधियों और कश्मीर में आतंकवाद का महिमामंडन करने की वजह से राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, गिलानी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘यह बेहद दुखद है कि पिछले अगस्त से कश्मीर में पत्रकारों को चुप कराये जाने और उन्हें शिकार बनाये जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। मैंने पिछले 15 साल में बतौर पत्रकार कश्मीर को लेकर संघर्ष के कई पहलुओं पर, अमेरिका और जर्मनी के चुनावों को लेकर रिपोर्टिंग की है।’ गिलानी ने ‘कश्मीर - ग़ुस्सा और कारण’ शीर्षक से किताब भी लिखी है।
इस पूरे मामले में एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने ज़ाहरा और पीरज़ादा आशिक़ के ख़िलाफ़ यूएपीए लगाने को ताक़त का दुरुपयोग बताया है।