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जम्मू कश्मीर के उरी में बड़ी घुसपैठ, इंटरनेट व मोबाइल सेवा बंद

जम्मू कश्मीर के उरी में बड़ी घुसपैठ, इंटरनेट व मोबाइल सेवा बंद

जम्मू कश्मीर के उरी क्षेत्र में सीमा पार से बड़ी घुसपैठ की कोशिश हुई। इसको नाकाम करने के लिए पहली बार उरी क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को बंद करना पड़ा है। जानिए सेना ने क्या कहा। 

उरी हमले की पाँचवीं बरसी पर जम्मू कश्मीर में सीमा पार से बड़ी घुसपैठ हुई है। इसको नाकाम करने के लिए सेना ने अभियान छेड़ा है। इसके तहत उरी क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को फ़िलहाल बंद कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि हाल के वर्षों में आतंकवादियों का यह सबसे बड़ा घुसपैठ का प्रयास है। बता दें कि हाल के दिनों में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के वापसी के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएँ बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। 

रिपोर्टों में सेना के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि घुसपैठ की कोशिश का पता शनिवार देर शाम को चला था। घुसपैठ की यह कोशिश तब हुई है जब 18 सितंबर को ही उरी हमले की बरसी थी। 2016 में उस दो आत्मघाती हमलों में 19 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारत ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की थी और कई आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया था। 

घुसपैठ की इस ताज़ा कोशिश के बीच ही उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में सोमवार सुबह से इंटरनेट सेवाएँ और मोबाइल फोन सेवाएँ बंद कर दी गई हैं। 

रिपोर्ट है कि बहुत बड़े क्षेत्र में घेराबंदी की गई है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यह इस साल घुसपैठ की दूसरी कोशिश है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि क़रीब छह घुसपैठियों का एक समूह पाकिस्तान से घुसने में कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि घुसपैठ की कोशिश के दौरान गोलीबारी में एक सैनिक घायल हो गया। सेना ने कहा है कि घुसपैठियों का पता लगाने के लिए अभियान जारी है और ज़मीन पर सही स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।

यह पहली बार है जब सीमा पार से घुसपैठ के प्रयास के मद्देनजर फोन सेवाओं और इंटरनेट को बंद किया गया है। 

सेना ने कहा कि फ़रवरी में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद इस साल घुसपैठ का यह दूसरा प्रयास है।

सेना ने कहा है कि समझौते के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन की कोई सूचना नहीं मिली है और पाकिस्तान की ओर से कोई उकसावे की ख़बर नहीं है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कहा, 'सच कहूँ तो, सीमा पार से कोई उकसावे की घटना नहीं हुई है... हम संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं... अगर कुछ होता है, तो हम उचित जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।'

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल आतंकवादियों द्वारा केवल दो सफल घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं, जिनमें से एक रविवार को उरी सेक्टर में हुआ।

यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान का असर कश्मीर में पड़ा है, पांडे ने कहा, 'आप चिंतित क्यों हैं? आप सुरक्षित हैं और सुरक्षित रहेंगे।' उन्होंने कहा कि अगर कोई हथियार उठाता है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'मैं तालिबान या विदेशी आतंकवादियों या स्थानीय आतंकवादियों पर सवालों को नहीं देख रहा हूँ। हमारे लिए इसकी गुणवत्ता और मात्रा से कोई लेना-देना नहीं है। अगर कोई व्यक्ति हथियार उठाता है, तो उसे किसी भी तरह से निष्प्रभावी कर दिया जाएगा - मारकर या पकड़कर। और अगर वह आता है और आत्मसमर्पण करता है, तो हम उस आत्मसमर्पण को स्वीकार करेंगे।'

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