पेटीएम ने सोमवार को विजय शेखर शर्मा को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और बोर्ड सदस्य के पद से हटाने की घोषणा की है। ऐसा तब हुआ है जब रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की सख्ती के बाद संकटग्रस्त कंपनी ने अपने बोर्ड में बदलाव किया है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ख़िलाफ़ कार्रवाई 'गंभीर सुपरवाइजरी चिंताओं' के बाद की गई जिसमें ग्राहक की पहचान को अपर्याप्त बताया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने लगातार नियमों का अनुपालन नहीं होने और सुपरवाइजरी चिंताओं के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च तक अपना परिचालन बंद करने के लिए कहा है। इससे पेटीएम के शेयरों में बड़ी गिरावट आ गई है।
पीटीआई ने नियामक फाइलिंग के हवाले से ख़बर दी है कि 'कंपनी को अलग से बताया गया है कि विजय शेखर शर्मा ने भी इस बदलाव के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। पीपीबीएल ने हमें बताया है कि वे एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेंगे।'
एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, राज्य के स्वामित्व वाले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन श्रीधर और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गर्ग, दो सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ पेटीएम के बोर्ड में शामिल होंगे।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के सीईओ सुरिंदर चावला ने कहा कि नए बोर्ड सदस्य कंपनी को उसके प्रशासनिक ढाँचे और परिचालन मानकों को बढ़ाने, अनुपालन और सर्वोत्तम नियमों के प्रति उसके समर्पण को और मजबूत करने की दिशा में मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पेटीएम ने घोषणा की कि वह केवल स्वतंत्र और कार्यकारी निदेशकों वाले बोर्ड को चुनने के अपनी बैंकिंग इकाई के निर्णय का समर्थन करता है। पेटीएम ने यह भी कहा कि वह अपने नामांकित व्यक्ति को हटा देगा और इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा आसानी से बदलाव लाने देने के लिए बोर्ड से हट जाएंगे।