ट्रम्प की नीतियां तबाह कर देंगी भारत के कारोबार कोः रिपोर्ट

12:34 pm Jan 17, 2025 | सत्य ब्यूरो

क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रम्प के व्यापार प्रतिबंधों से चीन और भारत पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में चीन भारत सहित अन्य एशियाई बाजारों में आक्रामक ढंग से निर्यात को बढ़ावा दे सकता है। यानी जब चीन अपने सामान का निर्यात अमेरिकी मार्केट में नहीं कर पाएगा तो वो भारत सहित अन्य एशियाई देशों की ओर रुख करेगा।

इस घटनाक्रम से क्षेत्रीय और ग्लोबल दोनों बाजारों में भारतीय निर्यातकों के लिए मुकाबला कड़ा होने की संभावना है। इससे भारत की निर्यात वृद्धि धीमी हो सकती है। क्रिसिल रिपोर्ट का कहना है कि "अमेरिका के अगले राष्ट्रपति द्वारा चीन की वस्तुओं पर प्रस्तावित भारी टैरिफ चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी ला सकती है। इसका सामना करने के लिए चीन भारत सहित तमाम एशियाई बाजारों में अपना एक्सपोर्ट बढ़ा देगा।"

रिपोर्ट का कहना है कि अमेरिका-चीन में कारोबारी तनाव बढ़ेगा तो तमाम जियोपॉलिटिक्स अनिश्चितताएं ग्लोबल मार्केट के लिए जोखिम पैदा करने वाली हैं। ये हालात तब बन रहे हैं  जब इस वित्तीय वर्ष में भारत का व्यापार घाटा बढ़ गया है। भारत का आयात लगातार निर्यात से आगे निकल रहा है। यानी निर्यात के मुकाबले भारत वस्तुओं का आयात ज्यादा कर रहा है। इससे भारतीय पैसा बाहर जा रहा है, जबकि निर्यात पिछड़ने से बाहर से पैसा कम आ रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का निर्यात अस्थिर बना हुआ है। जहां पहली तिमाही में माल निर्यात में लगातार वृद्धि देखी गई, वहीं दूसरी तिमाही में इसमें गिरावट आई। अक्टूबर 2024 में थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन नवंबर और दिसंबर में निर्यात में फिर से गिरावट आई। यानी इसका मतलब यह हुआ कि भारत का निर्यात में यथास्थिति कायम है, जबकि उसे लगातार बढ़ना चाहिए।

नवंबर में 4.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद दिसंबर 2024 में भारत का कारोबारी निर्यात 1 प्रतिशत गिरकर 38.01 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह गिरावट डायमंड और आभूषण निर्यात (-26.5 प्रतिशत) और तेल निर्यात (-28.6 प्रतिशत) में उल्लेखनीय गिरावट के कारण हुई। दोनों में माइनस (-) में गिरावट हुई है।

क्रिसिल रिपोर्ट में कहा गया है कि सारे हालात इस बात पर निर्भर करेंगे कि चीन किस तरह अपनी निर्यात रणनीति को ट्रम्प के बाद लागू करेगा। एशिया में भारत बहुत बड़ा मार्केट है। ऐसे में चीन शायद भारत के लिए अपनी निर्यात नीति को आकर्षक रखने की कोशिश करेगा। यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि भारत इन हालात का सामना कैसे करेगा और उसकी अपनी रणनीति क्या होगी।