संभल में बिजली चोरी के लिए भारतीय विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत 1,400 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। लेकिन यह कार्रवाई अभी तक सिर्फ समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जियाउर रहमान बर्क, 16 मस्जिदों और दो मदरसों सहित विभिन्न मुस्लिमों और उनके संस्थानों पर की गई है।
संभल में शाही मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की याचिका कोर्ट में लगाई गई थी। लोकल कोर्ट ने फौरन ही उसी दिन सर्वे का आदेश दे दिया। सर्वे टीम उसी दिन शाही मस्जिद सर्वे करने पहुंच गई। सर्वे टीम के साथ आई भीड़ ने वहां उत्तेजक नारे लगाये और मस्जिद से नमाजियों को खदेड़ दिया। इस पर वहां 24 नवंबर 2024 को हिंसा हुई। जिसमें पांच मुस्लिम मारे गये। पुलिस ने एफआईआर भी मुस्लिमों के खिलाफ की। उन्हीं पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।बाद में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में मस्जिदों के सर्वे पर रोक लगा दी और लोकल कोर्ट की मस्जिद पर किसी भी आदेश को रोक दिया।
संभल में लोगों का आरोप है कि समुदाय विशेष को उकसाने के लिए अवैध बिजली कनेक्शनों की पहचान करने और उन पर कार्रवाई तेज कर दी है। हालांकि उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) का कहना है कि उसने पूरे जिले में अवैध बिजली कनेक्शनों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ। जिसमें कुल 11 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 20 लाख रुपये पहले ही वसूले जा चुके हैं।
संभल में निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लदानिया मस्जिद की छत पर अवैध बिजली सेटअप मिला।अधिकारियों का दावा है कि वहां से 100 घरों को बिजली की सप्लाई की जा रही थी। संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपी पुलिस कृष्ण कुमार बिश्नोई के नेतृत्व में सुबह-सुबह छापेमारी की गई, जिसमें 20 घरों और चार मस्जिदों पर बिजली चोरी का खुलासा हुआ।
अधिकारियों ने कहा कि अगर यह पाया गया कि मस्जिद से की जा रही अवैध बिजली आपूर्ति के लिए पैसा लिया गया है, तो आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में भी मामले दर्ज किए जाएंगे। अधिकारियों ने सबसे पहले सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के यहां बिजली चोरी पकड़ने का दावा किया था। बिजली विभाग ने उन्हें नोटिस दिया। विभाग ने कहा कि सांसद का जवाब असंतोषजनक है। उन पर 1.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। विभाग ने उन्हें एक हफ्ते में पैसा जमा करने को कहा गया। बर्क के पिता मामलुक उर रहमान बर्क पर भी निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कथित तौर पर धमकी देने का आरोप लगाया गया और एफआईआर दर्ज की गई।
यूपी डिस्कॉम की वेस्ट यूपी शाखा, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के एसई विनोद कुमार गुप्ता ने "बिजली चोरी" के खिलाफ अभियान की पुष्टि की और कहा: "हां, अब तक 1,400 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
विपक्षी दलों का कहना है कि संभल में योगी सरकार सिर्फ जिद में उकसावे की कार्रवाई कर रही है। ताकि वहां के मुसलमान भड़क कर सड़कों पर आये और पुलिस फिर उन पर 24 नवंबर की तरह कार्रवाई करे। हाल ही में शाही मस्जिद के सामने बने मस्जिद के कुएं पर पूजा की कोशिश की गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रोकने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थिति जस की तस रहेगी। विपक्ष का आरोप है कि संभल में बुलडोजर घूम रहे हैं और कहीं मामूली कमी पाये जाने पर संभल में घर गिराये जा रहे हैं। हाल ही में समुदाय विशेष की दुकानों को अवैध बताते हुए नोटिस भी दिये गये थे।
सपा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नफरत फैलाने का आरोप कई बार लगाया है। हाल ही में एक इंटरव्यू में योगी ने कहा था- “किसी को भी विवादित ढाँचे को मस्जिद बोलना बंद करिये। हम जिस दिन मस्जिद बोलना बंद कर देंगे, उस दिन लोग जाना भी बंद कर देंगे।'' उनका यह बयान काफी कुछ इशारा कर रहा है। आदित्यनाथ की टिप्पणियां मंदिर-मस्जिद विवादों की श्रृंखला के बीच आई हैं, जिनमें कई मुकदमे विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। योगी का ढांचे वाला बयान उस दिन आया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने संभल में मस्जिद के सामने कुएं के संबंध में यथास्थिति का आदेश दिया।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क का कहना है कि "सच्चाई और इंसाफ की लड़ाई को रोकने के लिए किस हद तक सीमाएं लांघी जाएंगी? जिन्होंने झूठी रिपोर्ट बनाई और मुझे, देश और दुनिया के लोगों के सामने बदनाम किया। हम लोग सब देख रहे हैं। 24 नवंबर को संभल में जो भी अन्याय हुआ, उससे ध्यान भटकाने के लिए ये सब किया जा रहा है...झूठे केस का जवाब कानूनी तौर पर दिया जाएगा और सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।''