शेयर बाज़ार शुक्रवार को औंधे मुँह गिरा। हफ़्ते के आख़िरी क़ारोबार में सेंसेक्स में 1,448.37 अंकों यानी 3.64 फ़ीसदी की गिरावट आई और यह 38,297.29 पर बंद हुआ। इससे क़रीब शेयर बाज़ार को छह लाख करोड़ का नुक़सान हुआ है।
सेंसेक्स में गिरावट का दौर शेयर बाज़ार खुलने के साथ ही शुरू हो गया था। इसमें कुछ मिनटों के अंदर ही 1000 अंकों की गिरावट आ गई थी। निफ़्टी में भी ज़बरदस्त गिरावट आई। शुरुआती पाँच मिनट के क़ारोबार में क़रीब 4 लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हो गया था। सुबह साढ़े दस बजे तक सेंसेक्स में 1,131.64 अंकों यानी 2.85 फ़ीसदी की गिरावट आई थी।
शेयर बाज़ार के लिए यह सप्ताह का आख़िरी दिन था। वैश्विक स्तर पर शेयर बाज़ार में बिकवाली का दौर रहा और पूरे बाज़ार पर ऐसी मायूसी छाई कि इसने साल 2008 की मंदी के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की स्थिति में पहुँचा दिया।
पिछले पाँच दिनों में सेंसेक्स में क़रीब 2000 अंकों की गिरावट आई है। बीते पाँच सत्रों की गिरावट में घरेलू शेयर बाज़ार के निवेशक क़रील 12 लाख करोड़ रुपये की दौलत गँवा चुके हैं।
शेयर बाज़ार में इस गिरावट का कारण कोरोना वायरस के कारण फैला डर और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में मायूसी है। दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा है कि जैसे यह वायरस विकसित देशों में फैलता जा रहा है यह महामारी का रूप ले सकता है। 24 घंटे में दस नये देशों में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की पुष्टि हुई है। इससे प्रभावित देशों की संख्या 55 हो गई है। इस वायरस से अब तक 2800 से ज़्यादा मौतें हो गई हैं और 83000 से ज़्यादा लोगों में इस वायरस की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस ने क़ारोबारी जगत को भी झकझोर कर रख दिया है।
इन्हीं आशंकाओं के बीच अमेरिकी शेयर बाज़ारों में ज़बरदस्त बिकवाली दर्ज की गई। डाव जोन्स ने 4.42 फ़ीसदी तक का गोता लगाया, जबकि एसएंडपी 500 इंडेक्स में भी 4.42 फ़ीसदी और नेस्डेक कंपोजिट में 4.61 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई।