अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज़ का मानना है कि इस साल भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घट कर 0.2 प्रतिशत हो सकती है। इसकी वजह कोरोना के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला बुरा प्रभाव है।
मूडीज़ ने मार्च महीने भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था। मूडीज़ के पहले भी कई रेटिंग एजेन्सियों और प्रबंध सलाहकार कंपनियों ने कहा था कि भारत की विकास दर बुरी तरह गिर सकती है।
लॉकडाउन के कारण!
समझा जाता है कि कोरोना रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से होने वाले नुक़सान और उपचार व रोकथाम पर होने वाले खर्च की वजह से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल होगा।कुछ दिन पहले ही इस रेटिंग एजेन्सी ने कहा था कि भारत की विकास दर 1.6 प्रतिशत तक जा सकती है, जो 29 साल की न्यूनतम दर होगी। अब मंगलवार को इसी एजेन्सी भारत की विकास दर के और गिरने व 0.2 प्रतिशत तक पहुँचने का अनुमान लगाया है।