जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी की फंड मैनेजमेंट इकाई ने अपने ईएसजी(पर्यावरण, सामाजिक और शासन) पोर्टफोलियो से अडानी समूह में किए अपने निवेश को खत्म कर दिया है। ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि ब्लैकरॉक इंक और ड्यूश बैंक एजी, और डीडब्ल्यूएस ग्रुप की निवेश फर्मों ने अडानी समूह की ईएसजी फंडों में अभी भी निवेश बनाए रखा है। यह सभी एमएससीआई इंक द्वारा पेश किए गए इंडेक्स को ट्रैक करते हैं।
इस मसले पर जेपी मॉर्गन और ब्लैकरॉक की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है, जबकि डीडब्ल्यूएस के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि जब एमएससीआई- ईटीएफ ट्रैकिंग की बात आती है, तो डीडब्ल्यूएस ईएसजी के मालिकाना हक वाली किसी किसी कंपनी का मूल्यांकन के लिए प्रयोग नहीं किया जाता है। वहीं एमएससीआई ने ईमेल के जरिए कहा कि ईएसजी और जलवायू सूचकांक की नियमित समीक्षा के नतीजे इस महीने के अंत में लागू किए जाएंगे, एमएससीआई ने अभी तक अडानी ईएसजी रेटिंग को समायोजित नहीं किया है।
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद की ब्लूमबर्ग द्वारा की गई आंकड़ों की समीक्षा के अनुसार, जेपी मॉर्गन ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट्स रिसर्च एन्हांस्ड इंडेक्स इक्विटी ईएसजी यूसीआईटीएस ईटीएफ ने सीमेंट निर्माता एसीसी लिमिटेड में 70,000 से अधिक शेयरों को बेच दिया, जिनको उसने मई 2021 से अपने पास बनाकर रखे हुए थे।
जेपी मॉर्गन की ही दूसरे फंड मैनेजर एसी एशिया पैसिफिक एक्स जापान रिसर्च एन्हांस्ड इंडेक्स इक्विटी ईएसजी यूसीआईटीएस ईटीएफ ने पिछले साल जुलाई से कंपनी में रखे लगभग 1,350 शेयरों को बेच दिया। इसका मतलब है कि जेपी मॉर्गन, जिसने एसीसी में 0.04% हिस्सेदारी रखी थी। अब उसके पास अडानी समूह में कोई हिस्सेदारी नहीं है।
जेपी मोर्गन के दोनों फंड अनुच्छेद 8 के रूप में पंजीकृत हैं। यूरोपीय संघ के नियमों के तहत उन्हें ईएसजी लक्ष्यों को "बढ़ावा" देने पर जोर देना आवश्यक होता है। हालांकि जेपी मॉर्गन ने अडानी समूह के गैर-ईएसजी फंडों में निवेश करना जारी रखा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद, कई बड़े फंड मैनेजरों के लिए जिनके निवेश के फैसले एमएससीआई इंडेक्स से प्रभावित नहीं होते अडानी समूह की छवि बहुत खराब हो गई है। हिंडन बर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी समूह ने शेयरों में धोखाधड़ी की और बाजार में हेराफेरी का दोषी है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के दावों को खारिज कर दिया था। ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अडानी समूह की 10 कंपनियों को लगातार नुकसान जारी है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद संयुक्त बाजार में लगभग 150 बिलियन डॉलर की पूंजी गंवा दी।
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यूरोप में लगभग 500 ईएसजी फंडों हैं जिनके पास अडानी समूह के स्टॉक हैं। इनमें से अधिकांश होल्डिंग्स अनुच्छेद 8 के रूप में पंजीकृत हैं। उन्हें यूरोपीय संघ के नियमों के तहत पर्यावरण, सामाजिक और शासन लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुट्ठी भर तथाकथित आर्टिकल 9 फंड हैं जो 100% टिकाऊ निवेश को लक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यूरोप में लगभग 500 ईएसजी फंडों हैं जिनके पास अडानी समूह के स्टॉक हैं। इनमें से अधिकांश होल्डिंग्स अनुच्छेद 8 के रूप में पंजीकृत हैं।
एंथ्रोपोसीन फिक्स्ड इनकम इंस्टीट्यूट के एक विश्लेषण के अनुसार, एमएससीआई ईएसजी इंडेक्स पर नज़र रखने वाले प्रबंधन के तहत कम से कम 10 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले फंडों ने अकेले अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में शेयर ले रखे थे। हालांकि एमएससीआई ने अभी भी अपने ईएसजी इंडेक्स में अडानी के शेयरों को रखता है, लेकिन ब्लैकरॉक जैसे फंड मैनेजर अन्य इंडेक्सों के माध्यम से समूह में अपना निवेश कम कर रहे हैं। एसएंडपी ग्लोबल इंक ने इस महीने कहा था कि वह डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से अडानी एंटरप्राइजेज को हटा रहा है। सस्टेनैलिटिक्स ने अडानी समूह की कई कंपनियों के ईएसजी रेटिंग को कम कर दिया है।
एमएससीआई ने अभी भी अपने ईएसजी इंडेक्स में अडानी के शेयरों को रखता है, लेकिन ब्लैकरॉक जैसे फंड मैनेजर अन्य इंडेक्सों के माध्यम से समूह में अपना निवेश कम कर रहे हैं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद एमएससीआई ने अडानी कंपनियों की ईएसजी रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है। अडानी टोटल गैस लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को ‘ए’ रेटिंग दी गई है। जबकि तीन और कंपनियों- अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पावर लिमिटेड और अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड को सीसीसी रेटिंग दी गई है, जोकि एमएससीआई इंडेक्स द्वारा दी जाने वाली सबसे कम रेटिंग है।
एमएससीआई के एक प्रवक्ता के अनुसार, 'अडानी समूह की कई कंपनियों का कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामले में प्रदर्शन पहले ही खराब है। एमएससीआई ने अडानी के ईएसजी विवादों की एक श्रृंखला का आकलन किया है, जिसमें "विशिष्ट परियोजनाओं और संदिग्ध व्यावसायिक संबंधों के लिए सामुदायिक विरोध" शामिल है।
धोखाधड़ी और बाजार में हेरफेर के आरोपों के अलावा, ईएसजी फंड मैनेजरों को इससे भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा उनके ग्रीन डॉलर निवेश को अप्रत्यक्ष रूप से कोयले के खनन के लिए प्रयोग किया जा रहा है। नॉर्वे के सबसे बड़े पेंशन फंड, केएलपी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में अपने शेयरों की पूरी होल्डिंग छोड़ दी थी।