भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी 'मन की बात' भी सुनने का आग्रह किया। यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे कई शीर्ष पहलवानों ने पीएम से यह आग्रह तब किया है जब उनके 'मन की बात' कार्यक्रम के आज 100 एपिसोड पूरे हुए हैं। इस मौके पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
मन की बात के 100 एपिसोड पूरे होने पर आयोजित खास कार्यक्रम में माधुरी दीक्षित, शाहिद कपूर, शैलेश लोढ़ा, गायिका अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम, एकता कपूर, रोहित शेट्टी सहित कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं। इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने देश भर के विभिन्न स्थानों पर प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना।
जब पीएम मोदी अपने 100 एपिसोड कार्यक्रम का उत्सव मना रहे थे तो पहलवान न्याय की मांग के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। महिला पहलवान विनेश फोगट ने प्रधानमंत्री से पहलवानों की मांगों को सुनने का आग्रह किया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को हमारे मन की बात भी सुननी चाहिए। करोड़ों लोग हमारे समर्थन में बैठे हैं। यह हमारी ताक़त है। हम नहीं जानते हैं कि कितने सांसद और विधायक हैं।'
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में से एक टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं होता है।
डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद से विवादों के केंद्र में हैं। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ से बाहर करने की मांग की।
यह पूछे जाने पर कि अखिलेश यादव दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध करने वाले पहलवानों के पास क्यों नहीं गए, बृजभूषण सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव 'सच्चाई जानते हैं'।
एएनआई से बृजभूषण ने कहा, "अखिलेश यादव सच्चाई जानते हैं। हम बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं। उत्तर प्रदेश के 80 फीसदी पहलवान समाजवादी पार्टी की विचारधारा वाले परिवारों से हैं। वे मुझे 'नेताजी' कहते हैं। वे कहते हैं कि उनके नेताजी कैसे हैं।"
बृजभूषण सिंह ने रविवार को कहा कि वह इस्तीफा देने को तैयार हैं, अगर इससे प्रदर्शनकारी घर लौट जाएं और चैन की नींद सोएं। पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, 'अगर प्रदर्शनकारी वापस जाएंगे और मेरे इस्तीफे के बाद शांति से रहेंगे, तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।'
बृजभूषण सिंह ने आरोप लगाया कि "जिन लोगों ने उन पर आरोप लगाए हैं, वे एक ही अखाड़े के हैं। उन्होंने कहा, 'हरियाणा के 90% एथलीट और अभिभावक भारतीय कुश्ती महासंघ पर भरोसा करते हैं। कुछ परिवार और लड़कियां जिन्होंने आरोप लगाए हैं, वे एक ही 'अखाड़े' से जुड़े हैं। उस 'अखाड़े' के संरक्षक दीपेंद्र हुड्डा हैं।" उन्होंने कहा, 'ये सभी खिलाड़ी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के खिलौने बन गए हैं। उनका मकसद राजनीतिक है, मेरा इस्तीफा नहीं।'