गुजरात दंगों के ख़िलाफ़ आईएएस की नौकरी से इस्तीफ़ा देकर मानवाधिकार आन्दोलन से जुड़ने वाले हर्ष मंदर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर जो बयान दिया है, उससे ज़्यादातर लोग चौंक गए हैं।
हर्ष मंदर ने ट्वीट किया, ‘यदि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया, मैं नागरिक अवज्ञा आन्दोलन शुरू कर दूँगा। मैं अपने आप को मुसलमान के रूप में पंजीकृत करवा लूँगा। मैं एनआरसी के पास अपना कोई काग़ज़ जमा नहीं करूँगा। दस्तावेज़ न होने की वजह से किसी भी मुसलमान को जो सज़ा दी जा सकती है, मसलन, डीटेंशन सेंटर में भेजना या नागरिकता रद्द कर देना, मैं उसकी माँग करूँगा। इस नागरकि अवज्ञा आन्दोलन में आप भी शामिल हों।’
बता दें कि सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया। लंबी बहस के बाद विधेयक को लेकर वोटिंग हुई। विधेयक के पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया। इस विधेयक को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। विधेयक में अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, पारसी, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक की आलोचना की है और इसे संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ बताया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि हर्ष मंदर ने इसके पहले ‘सदा टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक से लोगों को ‘देश विभाजन के समय की परेशानियाँ होंगी और उसकी यादें ताजा हो जाएंगी।’ उन्होंने कहा कि पहले एनआरसी ले आई और अब बीजेपी नागरिकता बिल से मुसलमानों को छोड़ सबको बचा लेगी।
उन्होंने कहा, ‘राजनीति और वैधता की बात एक क्षण के लिए छोड़ दीजिए, अपने ही करोड़ों गरीब लोगों के साथ आप कैसा क्रूर व्यवहार करते हैं। आख़िर राज्य इस तरह की विपदा कैसा ला सकता है, जिसका कोई अंत ही नहीं है।’ हर्ष मंदर ने कहा :
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बीजेपी की रणनीति यह है कि पहले मुसलमानों को छोड़ कर सभी धार्मिक समुदायों के लोगों को सुरक्षित करने का रास्ता निकाल लिया जाए और उसके बाद पूरे देश में एनआरसी को लागू कर दिया जाए। कुल मिला कर मुसलमानों के लिए एनआरसी को लागू कर दिया जाएगा।
हर्ष मंदर, मानवाधिकार कार्यकर्ता
सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा में होगी, जब बुधवार को इसे पेश किया जाएगा। विपक्षी दलों में लगभग सभी दल इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। हालाँकि इस बात की चर्चा है कि जिस तरह सरकार तीन तलाक़ विधेयक और अनुच्छेद 370 को राज्यसभा से पास करवाने में सफल रही थी क्या नागरिकता संशोधन विधेयक पर भी वह ऐसा करने में सफल रहेगीराज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है लेकिन अभी 5 सीटें खाली हैं। ऐसे में 240 सांसदों वाले सदन में विधेयक को पास कराने के लिए 121 सांसदों का होना ज़रूरी है।