गोवा में बीजेपी ने जिसे 'अपवित्र' कहा था, उसी पार्टी के विधायक को मंत्री बनाया

06:37 pm Apr 09, 2022 | सत्य ब्यूरो

बीजेपी विधायकों की तमाम आपत्तियों के बावजूद गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक को मंत्री पद मिल गया। बीजेपी ने गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान एमजीपी को अपवित्र बताया था। दरअसल, एमजीपी ने चुनाव पूर्व गठबंधन में अपने साथ टीएमसी को लिया था। लेकिन चुनाव नतीजे आते ही एमजीपी ने पाला बदला और बीजेपी को बिना किसी शर्त के समर्थन दे दिया। बीजेपी ने भी बदले में उसके विधायक को मंत्री बनाकर उस समर्थन का फल दे दिया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के मंत्रिमंडल में शनिवार को तीन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने बीजेपी विधायक नीलकंठ हलारंकर, सुभाषफल देसाई और एमजीपी के वरिष्ठ विधायक रामकृष्ण उर्फ ​​सुदीन धवलीकर को शपथ दिलाई।

इससे पहले पीएम मोदी की मौजूदगी में 28 मार्च को आयोजित समारोह में सावंत और आठ अन्य मंत्रियों ने शपथ ली थी। अब 12 दिनों बाद तीन मंत्रियों को शामिल किया गया। नए मंत्रियों को अभी तक उनके विभाग नहीं सौंपे गए हैं। सावंत कैबिनेट में कोई भी महिला मंत्री नहीं है। एमजीपी नेता धवलीकर को मंत्री बनाने का 20 बीजेपी विधायकों में से अधिकांश ने विरोध किया था। एमजीपी ने टीएमसी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में चुनाव लड़ा था। तब बीजेपी ने गठबंधन को 'अपवित्र' करार दिया था। बीजेपी ने विधानसभा की 40 में से 20 सीटें जीतीं थी। उसे बहुमत से पांच सीटें कम मिलीं।

बीजेपी ने एमजीपी और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। यही वजह है कि बीजेपी ने धवलीकर को मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला किया। सुभाषफाल देसाई, जिन्हें पहले विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था, ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले शनिवार सुबह पद से इस्तीफा दिया। वो सावंत के करीबी माने जाते हैं। तिविम से तीन बार के विधायक हलारंकर, उन दस कांग्रेस विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 2019 में पार्टी को छोड़कर बीजेपी को समर्थन दिया था।

एमजीपी पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा थी। पर्रिकर की मृत्यु के बाद सावंत सरकार का समर्थन करने के बाद धवलीकर को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। हालाँकि, 2019 में उनकी पार्टी के दो सहयोगियों और कांग्रेस से दस के बीजेपी में शामिल होने के बाद, बीजेपी को विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिला लेकिन धवलीकर को सरकार से हटा दिया गया था।

एमजीपी का समर्थन 2024 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण होगा। शपथ ग्रहण समारोह से पहले, अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार बनाने के लिए बीजेपी का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में से एक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।