पहलवान विनेश फोगाट का शनिवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ। विनेश के राजधानी में उतरने पर सुरक्षा कड़ी थी। फोगाट ने कहा, 'अगर उन्होंने मुझे स्वर्ण पदक नहीं दिया तो क्या हुआ, यहां के लोगों ने मुझे उससे कहीं ज़्यादा दिया है। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, वह हज़ारों ओलंपिक स्वर्ण पदकों से भी ज़्यादा है।'
भारतीय पहलवान को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा फाइनल में वजन सीमा 100 ग्राम से अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश के स्वागत की अभी शुरुआत हुई है। उनके भाई हरविंदर फोगाट ने एक्स पर लिखा है- हमारे गांव में भी लोग उनके स्वागत का इंतजार कर रहे हैं। लोग विनेश से मिलने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए उत्साहित हैं। हरविंदर फोगट ने कहा कि हरियाणा के बलाली स्थित उनके पैतृक गांव में भी विनेश का भव्य स्वागत किया जाएगा।
एयरपोर्ट पर मां, साक्षी मलिक से लिपटकर रोते हुए विनेश
बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विजेंदर सिंह जैसे सितारों और पंचायत नेताओं ने विनेश का स्वागत किया। भारी भरकम मालाएं पहने विनेश खुली जीप में खड़ी हुईं और सभी समर्थकों को धन्यवाद दिया। दरअसल, विनेश हवाई अड्डे पर बाहर निकलते ही भीड़ को देखकर रो पड़ीं। उन्होंने कहा- ''मैं सभी देशवासियों को धन्यवाद देती हूं, मैं बहुत भाग्यशाली हूं।'' फिर दोबारा विनेश ने नम्रता से हाथ जोड़कर कहा, "मैं पूरे देश को धन्यवाद देती हूं।" विनेश ने यह भी कहा कि हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
सैकड़ों प्रशंसकों को अपने नाम की जयकार करते देख 29 वर्षीय भारतीय पहलवान आंखों से बार-बार आंसू निकल रहे थे। टीम के साथियों और दोस्तों बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने उन्हें ढारस दी। एयरपोर्ट से विनेश का काफिला गुड़गांव की तरफ रवाना हुआ, जहां जगह-जगह उनका स्वागत किया जा रहा है। वाहनों पर हरियाणवी संगीत बज रहा है। कुछ गाने खास तौर से पहलवान बेटियों के लिए लिखे गए हैं।
महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक मुकाबले के दिन (7 अगस्त) विनेश का वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के नियमों के अनुसार उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया और पोडियम फिनिश छीन लिया गया। विनेश ने पिछले दिन कड़ी मेहनत की थी, जिसमें पहले दौर में जापान की चार बार की विश्व चैंपियन युई सुसाकी के खिलाफ असंभव जीत और ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनने के लिए दो और जीत शामिल थीं। लेकिन बाद के हालात ने उन्हें निराश कर दिया। भारत में बेसब्री से ओलंपिक ट्रिब्यूनल के फैसले का इंतजार किया गया।
बलाली गांव के हनुमान मंदिर में विनेश के स्वागत के लिए ग्रामीणों और भीड़ के लिए कुल 750 किलोग्राम बूंदी के लड्डू तैयार किए गए हैं। चरखी दादरी जिला मुख्यालय से हलवाई आये हैं और शुक्रवार रात से ही लड्डू बना रहे हैं। हलवाई मनदीप स्वामी ने कहा- “सोने के लड्डू हमारे गाँव की गोल्डन लड़की के स्वागत के लिए हैं। यह हम सभी के लिए बहुत बड़ा दिन है और हम भाग्यशाली हैं कि हमें लड्डू बनाने का मौका दिया गया है।''