केंद्र सरकार ने मंगलवार को निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की क़ीमत तय कर दी है। सरकार ने कहा है कि कोविशील्ड के लिए 780, कोवैक्सीन के लिए 1,410 रुपये और रूस की स्पुतनिक V वैक्सीन के लिए 1,145 रुपये चुकाने होंगे।
सरकार ने कहा है कि वैक्सीन की क़ीमतों की हर दिन मॉनिटरिंग की जाएगी और अगर कोई भी प्राइवेट अस्पताल या टीकाकरण केंद्र लोगों से तय क़ीमतों से ज़्यादा वसूल करता है तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना टीके की किल्लत के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को वैक्सीन खरीदने के नए ऑर्डर दिए हैं और उसने दावा किया है कि अगस्त से दिसंबर के बीच उसे 44 करोड़ डोज़ मिल जाएंगी। केंद्र सरकार ने कहा कि कोविशील्ड की 25 करोड़ और कोवैक्सीन की 19 करोड़ डोज़ के आर्डर दे दिए गए हैं।
सोमवार की शाम को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया था कि केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से उनके कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा खरीद कर राज्यों को मुफ़्त देगी। इससे यह होगा कि 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को मुफ़्त कोरोना वैक्सीन लगाई जा सकेगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी एलान किया था कि ग़रीबी रेखा से नीचे के लोगों को पहले से मिल रहा मुफ़्त राशन अब नवंबर तक मिलता रहेगा। उन्होंने कहा था कि इससे 80 करोड़ लोगों को फ़ायदा मिल रहा है।
भारत में बनेगी स्पुतनिक V
कुछ दिन पहले ड्रंग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया को भारत में रूस की वैक्सीन स्पुतनिक V बनाने की अनुमति दे दी थी। यह तीसरी वैक्सीन होगी, जो भारत में बनाई जाएगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में स्पुतनिक V को विकसित करने के लिए गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ़ एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी, मॉस्को के साथ हाथ मिलाया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका के साथ मिलकर पहले से ही कोविशील्ड और भारत बायोटेक कोवैक्सीन बना रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार से कहा है कि वह जून में 10 करोड़ डोज़ की सप्लाई करेगा।