बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री बिशेश्वर टुडू ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से नियुक्त किए गए अधिकारियों को "डकैत" कहकर विवाद खड़ा कर दिया है। यह जानकारी पीटीआई की एक खबर में दी गई है।
पीटीआई के मुताबिक उन्होंने आरोप लगाया कि एक "चिकन चोर" को दंडित किया जा सकता है, लेकिन खनिज माफिया चलाने वाले एक अधिकारी को छुआ नहीं जा सकता क्योंकि सिस्टम उसकी रक्षा करता है।
पीटीआई ने बताया कि केंद्रीय आदिवासी मामलों और जल शक्ति राज्य मंत्री ने बालासोर जिले के बलियापाल में एक सरकारी स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में एक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
उनके बयान का एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें वो ऐसा विवादित बयान देते हुए देखे और सुने जा सकते हैं। हालांकि पीटीआई ने वीडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं की है।
पीटीआई ने मंत्री के बयान को इस तरह कोट किया है - मुझे इस बात का अंदाजा था कि जिन्हें यूपीएससी के माध्यम से नियुक्त किया जाता है … वे सबसे अधिक जानकार व्यक्ति होते हैं और हमेशा उच्च पदों पर आसीन होते हैं। लेकिन अब मुझे लगता है कि जो लोग वहां से क्वालिफाई हुए हैं उनमें से ज्यादातर डकैत हैं। मैं 100 प्रतिशत नहीं कहता, लेकिन उनमें से कई डकैत हैं।
बता दें कि UPSC देश का प्रमुख केंद्रीय भर्ती आयोग है, जो एक स्वतंत्र निकाय के रूप में काम करता है और बड़े पदों पर सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति करता है।
मंत्री, जो ओडिशा से सांसद हैं, ने कहा कि यूपीएससी कार्यालय दिल्ली में उनके निवास के ठीक पीछे है। शुरू में वो इसका बहुत सम्मान करते थे लेकिन अब उनका नजरिया बदल गया है।
अपने भाषण के दौरान, मंत्री टुडू ने यह भी पूछा: अगर ऐसे शिक्षित लोग हैं तो हमारा समाज भ्रष्टाचार और अन्याय में क्यों उलझा हुआ है? यह हमारी शिक्षा प्रणाली में नैतिकता की कमी के कारण है। हमारे बीच आध्यात्मिक शिक्षा और विचारों का अभाव है। बता दें कि इसी मंत्री ने 2021 में मयूरभंज में अपने निर्वाचन क्षेत्र में राज्य सरकार के अधिकारियों पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था।