जलगांव में केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी और उसकी सहेलियों के साथ सरेआम छेड़छाड़ की गई। वीडियो बनाई गई। 28 फरवरी को घटी इस घटना की एफआईआर 1 मार्च को दर्ज हुई। वह भी तब, जब केंद्रीय मंत्री को एफआईआर कराने खुद जाना पड़ा। उसके बाद ही पुलिस हरकत में आई। यह घटना बता रही है कि बीजेपी शासित महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राजकाज कैसा चल रहा है। अभी चंद दिनों पहले पुणे में एक बस स्टैंड पर खड़ी बस के अंदर महिला से रेप की घटना हुई है। आरोप की राजनीतिक कनेक्शन पाये गये।
जलगाव पुलिस ने अब पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रविवार को, पुलिस ने इस मामले में एक 17 वर्षीय नाबालिग को हिरासत में लिया। एक आरोपी किरण माली को गिरफ्तार किया, अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस ने बताया कि यह घटना शनिवार रात करीब 8:45 बजे हुई। खडसे की बेटी और उसकी सहेलियां, सुरक्षा कर्मियों के साथ, मेले में आईं। जब वे एक एक्टिविटी सेंटर पर सवारी का आनंद ले रही थीं, तो किरण माली, अनुज पाटिल, अनिकेत भोई, पियूष मोरे, सहम कोली और सचिन पालवी नाम के युवकों ने उन्हें स्टॉक करना शुरू कर दिया। आरोपियों ने मोबाइल फोन पर लड़कियों की वीडियो भी बनाई और ग्रुप की एक एक नाबालिग लड़की के साथ मारपीट की। जब एक सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने उस पर भी हमला कर दिया।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ने पत्रकारों को बताया कि "मैं गुजरात में थी, इसलिए मेरी बेटी ने मुझे वहां जाने की अनुमति मांगने के लिए फोन किया था। मैंने उसे एक गार्ड और दो-तीन स्टाफ सदस्यों को साथ ले जाने को कहा। मेरी बेटी और उसकी सहेलियों का पीछा किया गया और उन्हें धक्का दिया गया, उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाए गए। जब मेरे स्टाफ ने आपत्ति जताई, तो लड़कों ने बदतमीजी की और 30-40 लोगों की भीड़ जमा हो गई।" गुंडों ने उनसे कहा कि वे वीडियो बनायेंगे, कोई क्या कर लेगा।
उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर एक सांसद या केंद्रीय मंत्री की बेटी के साथ ऐसा होता है, तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा।" भुसावल के एसडीएम कृष्णांत पिंगले, जिनके पास मुक्ताईनगर का अतिरिक्त प्रभार भी है, ने पुष्टि की कि पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, "हमारी टीमें सक्रिय रूप से उनकी तलाश कर रही हैं, और वे जल्द ही जेल में होंगे।"
पिंगले के अनुसार, मुख्य आरोपी अनिकेत भोई (25) का आपराधिक केस का इतिहास है। उन्होंने कहा, "यह जानते हुए भी कि वह एक केंद्रीय मंत्री की बेटी है, उसने और उसके साथियों ने लड़कियों के समूह का पीछा किया और उन्हें परेशान किया।" पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि चूंकि पीड़ितों में से एक नाबालिग है, इसलिए पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं।
मुक्ताईनगर पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर नागेश मोहिते ने बताया कि दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, "शनिवार को मंत्री के सुरक्षा दल के एक पुलिस कांस्टेबल पर हमला करके एक सार्वजनिक सेवक को उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। रविवार को, सात लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एक और मामला दर्ज किया गया।"
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पूर्व मंत्री और उनके ससुर एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया कि आरोपी दोषी करार दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, और अपराधी अब पुलिस से नहीं डरते। कई पीड़ित सामाजिक दबाव के कारण आगे आने से हिचकिचाते हैं, लेकिन हमारे पास शिकायत दर्ज कराने के अलावा कोई चारा नहीं था।"
विपक्ष ने घटना की निन्दा की
एनसीपी-शरद पवार की राज्य अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "अगर एक केंद्रीय मंत्री की बेटी भी सुरक्षित नहीं है, तो आम महिलाएं न्याय की उम्मीद कैसे कर सकती हैं?" इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दावा किया कि महायुति सरकार के तहत राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है।
उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्री खडसे की बेटी के साथ गुंडों द्वारा छेड़छाड़ और सुरक्षा गार्डों को धक्का देने की घटना अत्यंत चिंताजनक है और यह दर्शाता है कि राज्य में महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं।" बहरहाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की निंदा की और कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों द्वारा किया गया यह कृत्य शर्मनाक है। पुलिस ने मामला दर्ज किया है और गिरफ्तारियां की हैं। ऐसा उत्पीड़न पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)