दिल्ली में लॉकडाउन में सोमवार से मिलने वाली छूट का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विरोध किया है। इससे यह तो साफ़ हो ही गया है कि इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह एक साथ नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्द्धन का मानना है कि दिल्ली सरकार को लॉकडाउन में न्यूनतम छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा,
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‘न्यूनतम छूट ही दी जानी चाहिए। हालांकि गृह मंत्रालय ने विस्तृत दिशा निर्देश दिया है, हर राज्य को कोरोना रोकथाम रोकने के लिए अपनी स्थिति के मुताबिक फ़ैसला लेना है।’
हर्ष वर्द्धन, स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने इसे अपनी निजी राय बताते हुए यह भी कहा कि इसे राजनीतिक रूप नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, दिल्ली की स्थिति पर मेरा कुछ कहना ठीक नहीं है। पर मुझे निजी तौर पर लगता है कि दिल्ली देश के उन जगहों में से एक है, जहाँ महामारी को रोकने के लिए सख़्त कदम उठाने की ज़रूरत है।
क्या कहना है दिल्ली सरकार का
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में सोमवार से लॉकडाउन में अहम छूट दी जा सकती है क्योंकि अपने अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ इसके लिए दिल्ली तैयार है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा,- निजी दफ़्तर एक तिहाई कर्मचारियों के साथ खोले जा सकते हैं।
- सूचना प्रौद्योगिकी, हार्डवेअर, मैन्युफैक्चरिंग, आवश्यक वस्तु से जुड़ी सुविधाएँ खोली जा सकती हैं।
- इसके अलावा ई-कॉमर्स, कॉल सेंटर, निजी सुरक्षा सेवा कंपनियाँ और वेअरहाउस से जुड़ी कंपनियाँ भी कामकाज शुरू कर सकती हैं।
- कनॉट प्लेस और ख़ान मार्केट जैसे बड़े बाज़ार बंद ही रहेंगे, पर वहाँ आवश्यक वस्तुएं बेचने वाली दुकानें खुल सकती हैं।
- स्टेशनरी और गली-मुहल्ले में चल रही दुकानें भी खोली जा सकती हैं।
- टेक्नीशियन्स, बिजली का काम करने वाले, घरों में काम करने वाले नौकर-चाकर और नल वगैरह ठीक करने वाले भी अपना कामकाज शुरू कर सकते हैं।
दिल्ली में अब तक 4,500 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। इसमें से 64 लोगों की मौत हो चुकी है। एक दिन में सर्वाधिक 427 लोग संक्रमित पाए गए। दिल्ली के सभी 9 ज़िलों को रेड ज़ोन घोषित कर दिया गया है। इसमें 90 कंटेनमेंट ज़ोन हैं।