तनिष्क एकत्वम के विज्ञापन में कुछ लोगों ने नफ़रत ढूंढ निकाली, एड हटाया गया

11:41 am Oct 16, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

यदि आपने तनिष्क ज्वैलरी का नया विज्ञापन नहीं देखा है तो शायद अब आप कहीं देख भी नहीं पाएँगे। ऐसा इसलिए कि इस विज्ञापन पर विवाद हो गया है और उस विज्ञापन को कथित तौर पर हटा लिया गया है। यानी मुख्यधारा के मीडिया में यह विज्ञापन नहीं दिखेगा। हालाँकि कुछ लोगों ने इस विज्ञापन को ट्विटर पर डाल दिया है और यह आप पर है कि आपको उस विज्ञापन में नफ़रत दिखती है या फिर प्यार। 

टाटा ग्रुप के ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क के इस नये विज्ञापन का नाम 'एकत्वम' है। 45 सेकंड की यह विज्ञापन फ़िल्म दो अलग-अलग धर्मावलंबियों के बीच शादी पर आधारित है। इस विज्ञापन में देखा जा सकता है कि एक मुसलिम परिवार अपनी पुत्रवधू के लिए परंपरागत हिंदू रीति रिवाज वाले कार्यक्रम की तैयारी कर रहा है। विज्ञापन के सेट से लगता है कि वह दक्षिण भारतीय परिवार है।

वीडियो में भरा-पूरा मुसलिम परिवार दिखता है। बगीचा है, दीपमालाएँ हैं और नटराज की प्रतिमा भी है। वीडियो के अंत में वह महिला अपनी सास से पूछती है, 'ये रस्म तो आपके घर में होती भी नहीं है न' इस पर उसकी सास उसे जवाब देती है, 'पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न' इसके बाद विज्ञापन में संदेश दिया गया है- 'एक जो हुए हम, तो क्या ना कर जाएँगे।' यानी इसमें एकता की बात की गई है।

पिछले हफ़्ते यह विज्ञापन आया था लेकिन सोमवार यानी 12 अक्टूबर को ट्विटर पर इस विज्ञापन के ख़िलाफ़ BoycottTanishq हैशटैग ट्रेंड करने लगा। सोशल मीडिया पर यह विज्ञापन बहस का मुद्दा बन गया है और लोग इसके बारे में कई तरह की बात कर रहे हैं। कोई इसे लव जिहाद’ को बढ़ावा देने वाला बता रहा है, तो कोई एंटी- हिंदू। कई लोग तो तनिष्क के गहने नहीं खरीदने की बात करते हुए इस ब्रांड का बहिष्कार करने की माँग उठा रहे हैं। इसके बाद इस वीडियो विज्ञापन को तनिष्क के आधिकारिक यूट्यूब चैनल, फ़ेसबुक चैनल से हटा लिया गया। हालाँकि इस मामले में तनिष्क की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। 

ट्विटर पर भी इस विज्ञापन को हटाए जाने के बारे में दावे किए गए। कार्तिक नाम के यूज़र ने लिखा, 'बेहुदा तरीक़े से ट्रोल किए जाने के बाद तनिष्क ने आधिकारिक रूप से अपना विज्ञापन वापस ले लिया है। इसे देखिए कि क्यों बहुत ही दुःखद स्थिति है, और ऐसे अन्य विज्ञापनों के संदर्भ में देखिए जो ट्रोल किए गए (और कुछ, वापस ले लिए गए)।

इस वीडियो विज्ञापन को हटाने का कारण सरसरी तौर पर ट्विटर पर ट्रेंड होना और इसको हिंदू-मुसलिम के नज़रिए से इस विज्ञापन की आलोचना करना रहा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे 'लव जिहाद' के तौर पर पेश किया।

ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा है, 'तनिष्क दिखा क्या रही है- मुसलिम घर में हिंदू लड़की 100 फ़ीसदी सुरक्षित।

वास्तव में क्या हो रहा है- हिंदू लड़की लव जिहाद में फँसाई जाती है, हत्या की जाती है।

हिंदू लड़की दूसरे धर्मों के घरों में ज़ीरो फ़ीसदी सुरक्षित है। इसलिए कंपनी की इस बीमार मानसिकता को न मानें।'

प्रिंस तिवारी नाम के एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, 'इसे डिसलाइक और रिपोर्ट करें। वे हर बार क्यों लव जिहाद को बढ़ावा देते हैं कल एक हिंदू लड़के को मुसलिमों ने लिंच कर दिया।'

ट्विटर पर ऐसी प्रतिक्रियाओं के बाद कई लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लिखा, "तो इस खूबसूरत विज्ञापन के माध्यम से हिंदू-मुसलिम एकता को उजागर करने के लिए हिंदुत्व के धर्मांध लोगों ने तनिष्क ज्वैलरी का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। अगर हिंदू-मुसलिम 'एकत्वम' उन्हें बहुत परेशान करता है तो वे दुनिया में सबसे लंबे समय तक हिंदू-मुसलिम एकता के प्रतीक- भारत का बहिष्कार क्यों नहीं करते हैं"

हिंदू-मुसलिम एकता की बात करने पर लोगों ने शशि थरूर के ख़िलाफ़ भी तीखी टिप्पणियाँ कीं। इनमें से अधिकतर वे ट्रोल हैं जो दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हैं और वे हर ऐसे मामलों पर टूट पड़ते हैं जिनमें सांप्रदायिक सद्भाव की बात कही जाती है। ट्रोल बड़े स्तर पर सामाजिक तानेबाने को भी प्रभावित करते हैं। तनिष्क द्वारा इस विज्ञापन को हटाए जाने में भी ट्रोल के इस असर को देखा जा सकता है।