शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी के बाद अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी 12 निलंबित राज्यसभा सांसदों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए संसद टीवी पर टॉक शो नहीं करने का फ़ैसला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि जब तक विधायकों का निलंबन रद्द नहीं किया जाता है और द्विदलीयता के आचरण को बहाल नहीं किया जाता है, वह कार्यक्रम नहीं करेंगे। थरूर संसद टीवी पर टॉक शो 'टू द पॉइंट' की मेजबानी करते रहे हैं जिसमें वह कार्यक्रम में शरीक होने वालों से सवाल करते हैं।
दो महीने पहले सितंबर में ही शशि थरूर और प्रियंका चतुर्वेदी को संसद टीवी के अलग-अलग कार्यक्रमों की मेजबानी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। प्रियंका को ‘मेरी कहानी’ नाम के कार्यक्रम की मेजबानी सौंपी गई थी। लेकिन उन्होंने सांसद टीवी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया है कि जब वह राज्यसभा से निलंबित हैं तो संसद टीवी में रहने का क्या मतलब है।
अब शशि थरूर ने भी उन 12 निलंबित सांसदों के साथ एकजुटता दिखाई है। उन्होंने कहा है, 'मेरा मानना था कि एक शो की मेजबानी के लिए संसद टीवी के निमंत्रण को स्वीकार करना भारत के संसदीय लोकतंत्र की सर्वोत्तम परंपराओं में था, इस सिद्धांत की पुष्टि करते हुए कि हमारे राजनीतिक मतभेद हमें संसद सदस्यों के रूप में, विभिन्न संसदीय संस्थानों में पूरी तरह से भाग लेने से नहीं रोकते हैं।'
उन्होंने कहा कि हालांकि, पिछले सत्र के दौरान किए गए कार्यों के लिए मनमाने ढंग से राज्यसभा से 12 सांसदों का लंबे समय के लिए निलंबन द्विदलीय भावना की धारणा पर सवाल खड़े करता है।
उनका यह बयान शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के एक दिन बाद आया है। वह राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों में शामिल हैं। प्रियंका ने कहा है कि उन्होंने संसद टीवी के शो 'मेरी कहानी' की एंकर के रूप में पद छोड़ दिया है।
राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को रविवार को भेजे पत्र में प्रियंका ने कहा, 'मेरे मनमाने निलंबन के बाद, जिसने स्थापित संसदीय मानदंडों और नियमों को पूरी तरह से कलंकित किया है, मेरी और मेरी पार्टी की आवाज़ को दबाने की कोशिश की गई। जब मुझे संविधान की प्राथमिक शपथ से वंचित किया जा रहा है, ऐसे में मैं संसद टीवी का दायित्व निभाने को अनिच्छुक हूं।'
बता दें कि 12 सांसदों को पिछले सत्र में ख़राब आचरण के आरोपों के चलते हाल ही में राज्यसभा से निलंबित किया गया है। 12 विपक्षी सांसदों - कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो, और सीपीआई और सीपीआई (एम) के एक-एक सांसद को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए पिछले सोमवार को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। विपक्षी दल इस कार्रवाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं।