राजद्रोह के मामले में गिरफ़्तार शरजील इमाम को 5 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। दिल्ली स्थित साकेत की अदालत ने शरजील को रिमान्ड पर भेजा है।
शरजील को मंगलवार को बिहार के जहानाबाद से गिरफ़्तार कर बुधवार को दिल्ली लाया गया। उन्हें दोपहर बाद साकेत कोर्ट में पेश किया गया।
पुलिस ने शरजील के छोटे भाई मुज़्जमिल से भी पूछताछ की थी। इसके बाद शरजील को अदालत में पेश किया गया था जहां से उसे दिल्ली पुलिस को 36 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर दे दिया गया था।
शरजील पर 5 राज्यों में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। असम के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर की सरकारों ने भी शरजील के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए हैं। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास के शोध छात्र हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ‘कोई भी आदमी देश को तोड़ने की बात नहीं कर सकता है।’ नीतीश कुमार ने कहा, ‘उसने कुछ ग़लत किया होगा, तभी पुलिस ने नियम के मुताबिक यह कार्रवाई की होगी। विरोध करना एक और बात है, पर कोई भी देश को तोड़ने की बात नहीं कर सकता है।’
क्या है मामला
शरजील ने 16 जनवरी को अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर कहा था कि असम और पूरे पूर्वोत्तर को शेष भारत से काट कर रख देना चाहिए, तभी केंद्र सरकार मुसलमानों की बात सुनेगी। इसके बाद वह इसमें यह भी कहते हुए दिखते हैं कि असम में एनआरसी के नाम पर मुसलमानों को उत्पीड़ित किया जा रहा है।शरजील इमाम ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा था :
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मैं यह कह रहा था कि जहाँ मुमकिन हो, हमें शान्तिपूर्ण तरीके से सड़क जाम करना चाहिए। उस परिप्रेक्ष्य में मैंने यह कहा था कि असम को जाने वाली सभी सड़कों को जाम कर देना चाहिए। यह मुख्य रूप ले चक्का जाम की अपील थी।
शरजील इमाम, शोध छात्र
इसके पहले बिहार पुलिस ने जहानाबाद के काको गाँव जाकर शरजील के दो रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया था और उनसे पूछताछ की थी। शरजील की माँ ने कहा था कि उनके बेटे के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा था कि शरजील कोई चोर उचक्का नहीं है, उसे फँसाया जा रहा है और ग़लत रूप से पेश किया जा रहा है।