किसान आन्दोलन : पवार ने सचिन तेंदुलकर को दी नसीहत

01:52 pm Feb 07, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। पॉप गायिका रियाना (रिहाना) और पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) पर पलटवार करते हुए ट्वीट करने के मुद्दे में तेंदुलकर की आलोचना की जा रही है।

ताज़ा घटनाक्रम में पूर्व कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने सचिन को नसीहत दी है कि वे दूसरे क्षेत्रों से जुड़े मामलों में बोलने से पहले सावधानी बरतें। 

बता दें कि पॉप गायिका रियाना ने ट्वीट किया था, 'हम इस पर चर्चा क्यों नहीं करते हैं', उन्होंने इसके साथ ही भारत में चल रहे किसान आन्दोलन पर सीएनएन में प्रकाशित ख़बर का लिंक लगाया था।

इसी तरह ग्रेटा तनबर्ग ने ट्वीट किया था कि वे 'भारत में चल रहे किसान आन्दोलन के साथ खड़ी हैं।'

कलाकारों का पलटवार

इस पर भारत के कई नेताओं, फ़िल्म कलाकारों ने ट्वीट कर उसका विरोध किया। अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, अजय देवगन और लता मंगेशकर ने ट्वीट कर इसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया था। क्रिकेटरों में ऐसा करने वालों में विराट कोहली थी। सचिन ने ट्वीट कर इसे 'भारत की संप्रभुता पर ख़तरा' बताया था और कहा था कि 'पूरा देश एकजुट है।' 

शरद पवार ने कहा,

"कई लोगों ने इन सख़्शियतों पर तीखी टिप्पणियाँ की हैं। मैं सचिन को सलाह दूँगा कि वे दूसरे क्षेत्रों से जुड़े मामलों में बोलने में सावधानी बरतें।"


शरद पवार, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

पूर्व क़ृषि मंत्री ने कहा, "प्रदर्शनकारी किसान हैं जो पूरे देश को खिलाते हैं...उन्हें खालिस्तानी या आतंकवादी कहना सही नहीं है।"

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने शरद पवार की टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया कि पवार ने मिया ख़लीफ़ा, रियाना और ग्रेटा तनबर्ग को क्या सलाह दी। 

बता दें कि शरद पवार कृषि मंत्री रह चुके हैं। बीजेपी ने पिछले महीने उनका एक पुराना बयान निकाला, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कृषि क्षेत्र में सुधार और निजी कंपनियों को काम करने की छूट देने की वकालत की थी। 

विवादों में रह चुके हैं सचिन

सचिन तेंदुलकर पहले भी विवादों में रह चुके हैं। उन्हें मनमोहन सिंह सरकार ने राज्यसभा का मनोनीत सदस्य बनाया, लेकिन राज्यसभा में वे बहुत ही कम बार गए, उनकी कम उपस्थिति को लेकर विवाद हुआ था और उनसे सवाल किए गए थे। 

मनमोहन सिंह सरकार ने ही उन्हें देश को सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया था। उस समय इस पर भी विवाद हुआ था। यह कहा गया था कि बीसीसीआई के अधिकारी और कांग्रेस पार्टी के नेता राजीव शुक्ल की वजह से उन्हें यह पुरस्कार मिला है। कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया गया था कि उसने सचिन की लोकप्रियता को भुनाने और उसका राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश की है।