मणिपुर में एक हिंसक भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का एक वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर बुधवार को वायरल हुए इस वीडियो में दिख रहा है कि कई युवा पुरुष उनके साथ-साथ चल रहे हैं। कुछ पुरुष परेशान दिख रही उन महिलाओं को खेतों में खींच रहे हैं। वायरल वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह मणिपुर का है, इसमें दिख रही महिलाएं कुकी जनजाति की हैं और इनके साथ गैंगरेप किया गया है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के सामने आने के बाद हजारों लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक एक आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने आरोप लगाया है कि दोनों महिलाओं के साथ एक खेत में सामूहिक बलात्कार किया गया। आईटीएलएफ के एक बयान के अनुसार, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई है। इस संगठन ने राष्ट्रीय महिला आयोग और एसटी आयोग से कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना से एक दिन पहले मैतेई और कुकी जनजाति के बीच अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई की मांग को लेकर झड़पें हुईं। आईटीएलएफ ने कहा है कि दोनों महिलाएं कुकी जनजाति की हैं। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
भीड़ ने महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए कहा
वहीं समाचार वेबसाइट स्क्रॉल के मुताबिक भीड़ के हमले में जीवित बचे लोगों में से एक 42 वर्षीय महिला ने कहा है कि यह हमला 4 मई को कांगपोकपी जिले में उसके गांव बी फीनोम के पास हुआ था। उन्होंने बताया कि जब हमने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ लिया। उसने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसके बेटे को थोड़ी दूरी पर ले जाया गया और मार डाला गया। इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए कहा।जब हमने विरोध किया, तो उन्होंने मुझसे कहा कि 'अगर तुम अपने कपड़े नहीं उतारोगी, तो हम तुम्हें मार डालेंगे। इस महिला ने कहा कि इस दौरान, पुरुषों ने उसे थप्पड़ और मुक्का मारा। उसने कहा कि उसे नहीं पता कि उसकी 21 वर्षीय पड़ोसी के साथ क्या हो रहा था, क्योंकि वह कुछ दूरी पर थी।स्क्रॉल के मुताबिक महिलाओं के रिश्तेदारों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि बाद में उनमें से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। सैकुल पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि 800 से एक हजार की संख्या वाले अज्ञात बदमाशों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में कहा गया है कि यह घटना 4 मई की दोपहर को हुई, जिसके एक दिन बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी। घटना के दिन बदमाशों की इस भीड़ ने गांव में घरों को जला दिया और तोड़फोड़ की।
21 वर्षीय पीड़िता के भाई और पिता की कर दी हत्या
हमलावर भीड़ से खुद को बचाने के लिए गांव के पांच निवासी जंगल की ओर भाग रहे थे। इन पांच लोगों के समूह में दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं। उनमें से तीन एक ही परिवार के थे जिसमें एक 56 वर्षीय व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी थी। दो अन्य महिलाओं में एक 42 वर्ष की और दूसरी 52 वर्ष की थी। जान बचा कर भाग रहे इन लोगों को जंगल के रास्ते में, नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक टीम ने बदमाशों से बचाया था। लेकिन नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किलोमीटर दूर, टूबू के पास हिंसक भीड़ ने उन्हें रास्ते में रोक दिया और पुलिस टीम की हिरासत से इन्हें छीन लिया।एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ ने मौके पर ही तुरंत 56 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी, इसके बाद तीनों महिलाओं को अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने उन्हें नग्न कर दिया गया। 21 वर्षीय महिला के साथ दिनदहाड़े सामूहिक बलात्कार किया गया, जबकि अन्य दो महिलाएं इलाके के कुछ परिचित लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।शिकायत में कहा गया है कि 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन की लाज और जिंदगी की रक्षा करने की कोशिश की लेकिन भीड़ उसकी मौके पर ही हत्या कर दी।प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस जीरो एफआईआर को कथित घटना स्थल नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया है।
यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं: प्रियंका गांधी
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विट कर लिखा है किमणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है। हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?महिला सांसद सदन में सरकार से जवाब मांगे : अलका लांबा
इस घटना पर ट्विट कर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने लिखा है कि मेरी सभी महिला सांसदों से अपील है कि कल सदन में सबसे पहला मुद्दा मणिपुर में महिलाओं के साथ जो शर्मसार करने वाली घटना हुई है उस पर सरकार से ज़वाब मांगें। दरिंदों को सख्त से सख्त सजा और पीड़ित बेटियों को न्याय मिलने तक सदन में अड़ी रहें। पानी सर से ऊपर निकल चुका है। उन्होंने राष्ट्रपति को टैग करते हुए लिखा है कि आप एक महिला होकर कैसे चुप रह कर यह सब देखती रह सकती हैं? बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है।उन्होंने एक दूसरे ट्विट में लिखा है कि चलो राष्ट्रपति भवन... देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी स्वयं एक आदिवासी महिला हैं, #मणिपुर की हमारी बेटियों के साथ जो कुछ हो रहा है वह उन्हें भी बिल्कुल स्वीकार नहीं हो सकता। आदरणीय @rashtrapatibhvn जी से मिलकर न्याय की गुहार लगानी होगी। उम्मीद करते हैं राष्ट्रपति जी हम सब से जरूर मिलेगी और हमें सुनेंगी। हमें आपके संदेश का इंतजार रहेगा। उम्मीद मत टूटने दीजियेगा..