मुंबई पुलिस ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाज़ी करने के मामले में 50-60 लोगों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस दर्ज किया है। शरजील इमाम ने कुछ दिन पहले अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में ‘असम से भारत को काटकर अलग कर देने’ का बयान दिया था। इसके बाद दिल्ली और बिहार पुलिस ने शरजील को बिहार के जहानाबाद से गिरफ़्तार कर लिया था।
शरजील इमाम के समर्थन में मुंबई के आज़ाद मैदान में नारेबाज़ी करने वाली एक छात्रा की पहचान उर्वशी चूड़ावाला के रूप में हुई है। उर्वशी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइसेंज (टीआईएसएस) में मीडिया और कल्चर विषय में एम.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा है। ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने उर्वशी के ख़िलाफ़ मजबूत केस दर्ज किया है। इससे पहले उर्वशी की सोशल मीडिया पोस्टस का भी पुलिस ने अध्ययन किया है। पुलिस ने बताया कि उर्वशी को पूछताछ के लिये दो बार बुलाया गया लेकिन वह नहीं आयी। पुलिस ने कहा कि धारा 124 ए (देशद्रोह), 153 बी (राष्ट्रीय एकता के लिए पूर्वाग्रह रखने) और अन्य धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस ने कहा है कि एलजीबीटीक्यू कार्यक्रम के आयोजकों को इस केस में अभियुक्त नहीं बनाया गया है। ये वे लोग हैं जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया और इस तरह के नारे लगाये। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चूडावाला एलजीबीटीक्यू कार्यक्रम में कथित रूप से शरजील के पक्ष में नारे लगाते दिखी थी।
अंग्रेजी अख़बार ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, एक पुलिस अफ़सर ने कहा कि शरजील के पक्ष में नारे लगाने वालों में उर्वशी चूडावाला सबसे आगे थी। उसने, शरजील तेरे सपनों को हम मंजिल तक पहुंचायेंगे का नारा लगाया था। बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने 2 फ़रवरी को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। सोमैया ने इस घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए मुक़दमा दर्ज न करने पर धरना देने की चेतावनी दी थी। मुंबई में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन में कुछ दिन पहले तब भी विवाद हुआ था जब किसी ने फ़्री कश्मीर का पोस्टर लहराया था।
एनडीटीवी के मुताबिक़, कुछ दिन पहले जेएनयू में ‘शरजील इमाम जिंदाबाद’ के नारे लगाये गये थे और छात्रों ने मार्च निकाला था। यह मार्च गंगा ढाबे से शुरू होकर चंद्रभागा हॉस्टल तक निकाला गया। शरजील पर अब तक पाँच राज्यों में राजद्रोह का केस दर्ज किया जा चुका है। इन राज्यों में असम, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और दिल्ली शामिल हैं।