अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में विवादित भाषण देने के मामले में जेएनयू छात्र शरजील इमाम पर असम और उत्तर प्रदेश के बाद अब तीन और राज्यों में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और दिल्ली में भी इमाम पर वही आरोप लगाए गए हैं। जेनएयू में पीएचडी के छात्र शरजील ने 16 जनवरी को यह विवादित भाषण दिया था। दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने तो इमाम को पकड़ने के लिए कई जगह दबिश भी दी है।
बता दें कि शरजील इमाम आधुनिक भारतीय इतिहास में पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया। कुछ समय के लिए वह दिल्ली के शाहीन बाग़ में एक वॉलिंटियर के रूप में प्रदर्शन से भी जुड़े रहे थे, लेकिन 2 जनवरी को ही वह इससे अलग हो गए थे। शाहीन बाग़ के आंदोलनकारियों की ओर से बनाये गये ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि शरजील इमाम किसी भी आयोजक कमेटी का सदस्य नहीं है और न ही इस तरह की कोई कमेटी अस्तित्व में है।
लेकिन इस पर शनिवार को तब विवाद हो गया था जब बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया था कि शरजील ने वह भाषण शाहीन बाग़ में 24 जनवरी को दिया था। असम के वित्त मंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने शरजील को शाहीन बाग़ प्रदर्शन का मुख्य संयोजक क़रार दिया था। अलीगढ़ एसएसपी आकाश कुलहरी ने एक दिन पहले ही कहा है, ‘उसके (शरजील) भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा था। एएमयू के अधिकारियों से मिली जानकारी और दूसरे तथ्यों से यह साबित हो गया है कि शरजील इमाम एएमयू में एक विरोध सभा में बोल रहा था जहाँ उसने आपित्तजनक बातें कही हैं।’
हालाँकि, इस विवाद से अलग अब शरजील के भाषण के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है और पुलिस उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रही है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, अलीगढ़ एसएसपी आकाश कुलहरी ने कहा कि दिल्ली की दो अलग-अलग जगहों पर दो टीमें दबिश दे रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के साथ हम मिलकर काम कर रहे हैं और जल्द ही हम उसे पकड़ लेंगे। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने एक टीम को बिहार भी भेजा है। जहानाबाद एसपी मनीष ने कहा कि शरजील के गाँव काको में स्थानीय पुलिस की मदद से दिल्ली पुलिस दबिश दे रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शरजील के तीन रिश्तेदारों को क़रीब चार घंटे तक हिरासत में रखा गया और फिर छोड़ दिया गया।
क्या कहा दिल्ली पुलिस ने?
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी (क्राइम) राजेश देव ने कहा, 'यह नोटिस में आया है कि जेएनयू का छात्र और बिहार का स्थायी निवासी शरजील इमाम नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में भड़काऊ भाषण देता रहा है। उसने एक ऐसा ही भाषण पहले 13 दिसंबर को जामिया में भी दिया था और इसके बाद तो उसने सरकार के ख़िलाफ़ और भी भड़काऊ और उकसाने वाला भाषण दिया है जो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है।' देव ने कहा कि उसके इस भाषण से समाज के विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच धार्मिक सद्भाव और भारत की एकता और अखंडता को नुक़सान पहुँच सकता है। अधिकारी ने कहा कि एसआईटी क्राइम ब्रांच द्वारा इमाम के ख़िलाफ़ सरकार के ख़िलाफ़ भाषण देना (धारा 124), धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देना (धारा 153ए) और लोगों को भड़काने (धारा 505) का केस दर्ज किया गया है।
वीडियो भाषण में शरजील को यह कहते सुना जा सकता है कि असम में विरोध-प्रदर्शन को उग्र करना, सड़क को ब्लॉक करना चाहिए ताकि केंद्र उनकी सुनने को मजबूर हो।
वीडियो में शरजील यह कहते सुने जा सकते हैं, 'यदि हमारे साथ पाँच लाख लोग हों तो हम भारत से नॉर्थ-ईस्ट से काट सकते हैं। यदि स्थायी तौर पर नहीं तो एक या दो महीने के लिए। सड़कों और ट्रैक पर पत्थर डाल दो... असम और इंडिया कटके अलग हो जाए, तभी ये हमारी बात सुनेंगे...' वीडियो में शरजील यह भी कहते हैं कि हम यह कर सकते हैं क्योंकि नॉर्थ-ईस्ट को जोड़ने वाला क्षेत्र मुसलिम डॉमिनेटेड है। उन्होंने यह भी कहा था कि शाहीन बाग़ की तरह ही दिल्ली में और भी सड़कों को ब्लॉक करना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने।
बाद में उन्होंने 'द इंडियन एक्सप्रेस' से कहा था कि उनका कहने का मतलब यह था कि 'जहाँ कहीं भी संभव हो सड़क को शांतिपूर्ण तरीक़े से सड़क को जाम करना चाहिए। इसी संदर्भ में असम जाने वाली सड़क को ब्लॉक करने की बात कही थी। यह पूरी तरह चक्का जाम करने का आह्वान था।'
लेकिन इस भाषण पर ही अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट किया कि असम और पूरे नॉर्थ-ईस्ट को देश के बाक़ी हिस्सों से इस तरह काटने के लिए भड़काऊ भाषण देना साम्प्रदायिक सौहार्द, स्वायत्तता और क्षेत्र की अखंडता को नुक़सान पहुँचाने वाला है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मणिपुर के मुख्य मंत्री एम एन बिरेन सिंह ने कहा कि शाहीन बाग़ के सह संयोजक शरजील इमाम के आपत्तिजनक वीडियो को देखते हुए केस दर्ज किया गया है।