नीट-यूजी की दोबारा परीक्षा नहीं, व्यवस्थित लीक का कोई सबूत नहीं: SC

06:53 pm Jul 23, 2024 | सत्य ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और फिर से परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक और अन्य गड़बड़ियों को दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कोई डेटा नहीं है। सीबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पुष्टि की कि मामले में पेपर लीक हजारीबाग केंद्र में हुआ था। 

इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें निदेशक प्रोफेसर बनर्जी के नेतृत्व वाली आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है और इसमें कहा गया है कि विकल्प 4 सही उत्तर है। उन्होंने आगे कहा कि एनटीए विकल्प 4 के आधार पर नीट यूजी परिणाम को फिर से गिनेगा।

कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि नए सिरे से नीट -यूजी परीक्षा आयोजित करने का उन 24 लाख छात्रों पर गंभीर असर पड़ेगा, जिन्होंने परीक्षा दी थी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'इस स्तर पर रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम गड़बड़ है या परीक्षा की पवित्रता का व्यवस्थित उल्लंघन हुआ है।' 

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर इस साल 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा की दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने कहा कि मौजूदा वर्ष के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने से प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान हो सकता है, चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर असर पड़ सकता है, भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है और हाशिए पर पड़े छात्रों के लिए नुकसानदेह हो सकता है, जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया।

अदालत ने यह भी कहा कि हजारीबाग और पटना में प्रश्नपत्र लीक होने के तथ्य पर कोई विवाद नहीं है। पीठ ने पेपर लीक पर सीबीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इन केंद्रों पर 155 छात्र उक्त पेपर लीक के प्रत्यक्ष लाभार्थी थे।

चूँकि सीबीआई द्वारा की गई जांच अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है, इसलिए इस न्यायालय ने पिछले आदेश में केंद्र से यह संकेत देने को कहा था कि क्या 571 शहरों में 4,750 केंद्रों के परिणामों से असामान्यता या ऐसे ही कुछ रुझान निकाले जा सकते हैं। सरकार ने डेटा एनालिटिक्स के आधार पर अपनी स्थिति को दिखाते हुए आईआईटी मद्रास द्वारा विश्लेषण पेश किया है।'

कोर्ट ने साफ़ किया कि यदि सीबीआई जांच में पेपर लीक के लाभार्थियों की बढ़ी हुई संख्या की संलिप्तता का पता चलता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एक सवाल के दो सही विकल्पों पर क्या फ़ैसला?

नीट पेपर में एक प्रश्न के दो सही विकल्पों के मुद्दे पर, मुख्य न्यायाधीश ने आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट का हवाला दिया। इसमें निष्कर्ष निकाला गया कि विकल्प 4 सही था। मुख्य न्यायाधीश ने एनटीए को सही विकल्प के आधार पर परिणाम संशोधित करने का भी निर्देश दिया।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ताओं को इस निर्णय के विरुद्ध कोई शिकायत है तो वे कानून के अनुसार अपने अधिकारों और उपायों का प्रयोग कर सकते हैं।