संयुक्त किसान मोर्चा ने अब बीजेपी के ख़िलाफ़ चुनाव में भी मोर्चा खोल दिया है। इसने कहा है कि वह रैलियाँ कर लोगों से अपील करेगा कि वे बीजेपी को वोट नहीं दें। उन्होंने घोषणा की है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता लोगों से यह अपील करेंगे कि 'जिस किसी दल को भी वे वोट करना चाहते हैं करें, लेकिन बीजेपी को वोट नहीं दें'। मोर्चा 12 मार्च को बीजेपी के ख़िलाफ़ कोलकाता में रैली कर इसकी शुरुआत करेगा। किसानों का यह मोर्चा पाँचों राज्यों में विधानसभा चुनावों में मतदाताओं से अपील करेगा। उन्होंने कहा है कि आंदोलन जारी रहेगा और ज़्यादा मज़बूती से जारी रहेगा।
इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति के लिए आज मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक हुई और 15 मार्च तक के लिए रणनीति की घोषणा की गई।
किसान मोर्चा के प्रवक्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि 6 मार्च को 100 दिन पूरे हो रहे हैं। उस दिन किसानों द्वारा पाँच घंटे के लिए सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक पूरा केएमपी जाम किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि किसानों के ख़िलाफ़ जो दमन किया गया है उसके ख़िलाफ़ काली पट्टी और काले झंडे लोग दिखाएँगे और पहनेंगे।
मोर्चा ने कहा है कि एक कार्यक्रम 8 मार्च को महिला दिवस पर होगा। इस दिन सभी मोर्चों पर प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाएँ करेंगी। इससे यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि महिलाएँ भी किसानी में आगे हैं और वे भी इन क़ानूनों से प्रभावित हो रही हैं।
योगेंद्र यादव ने कहा कि अभी भी कर्नाटक में किसानों को फ़सलों पर एमएसपी से 1000 रुपये कम दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री एमएसपी दिलाओ' का अभियान छेड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बाद दूसरे राज्यों में भी यही अभियान चलाया जाएगा। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को उनका भी भाषण याद दिलाया जाएगा जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘एमएसपी था, है और रहेगा’।
'वोट की चोट'
संयुक्त किसान मोर्च के मंच से यह कहा गया है कि सत्ताधारी दलों को उसी अंदाज में जवाब दिया जाएगा। योगेंद्र यादव ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अब इस तरह नहीं समझ रहे हैं इसलिए उन्हें अब उसी भाषा में 'वोट की चोट' से समझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करने की मतदाताओं से अपील करेंगे। किसान नेता उन सभी पाँच राज्यों में रैलियाँ करेंगे जहाँ चुनाव होने हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि इसकी शुरुआत कोलकाता में 12 मार्च को रैली से की जाएगी। उन्होंने साफ़ किया कि किसी भी दल विशेष को वोट देने की अपील नहीं की जाएगी, बल्कि बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील की जाएगी।
'किसान और मज़दूर साथ लड़ेंगे'
योगेंद्र यादव ने कहा कि एक दिन पहले ही 10 ट्रेड यूनियनों के साथ उनकी बैठक हुई है और इसमें फ़ैसला लिया गया है कि किसान, मज़दूर और कर्मचारी साथ आएँगे। इसमें निर्णय लिया गया है कि पूरे देश के मज़दूर और कर्मचारी 15 मार्च को सड़क पर उतरेंगे और किसान उनका साथ देंगे। मज़दूर और कर्मचारी निजीकरण, कार्पोरेटाइजेशन के ख़िलाफ़ सड़क पर प्रदर्शन करेंगे। ट्रेड यूनियन धरना-प्रदर्शन करेंगे और किसान भी उस प्रदर्शन में शामिल होंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि बीजेपी ने कहा था कि वह गांव-गांव जाकर लोगों को यह समझाएँगे तो उत्तर प्रदेश के किसानों ने उनको जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा है कि पूरे देश में पहापंचायतों के माध्यम से आंदोलन का फैलाव किया जा रहा है।
बता दें कि किसान आंदोलन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र तक जा पहुंचा है। महाराष्ट्र में भी किसानों के समर्थन में संगठन सड़क पर उतरे हैं। किसानों ने कहा है कि कृषि क़ानूनों के ख़त्म होने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।कई राज्यों में हो रही किसान महापंचायतों में राकेश टिकैत किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे बनकर उभरे हैं और उनके ताज़ा भाषणों को सुनें तो इनमें वे मोदी सरकार को चुनौती देते दिखते हैं। हाल ही में हरियाणा में हुई एक महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार ग़लतफहमी में न रहे कि किसान फसल कटाई पर गांव आएगा। अगर सरकार ने ज़्यादा बकवास की तो किसान खड़ी फसल में आग लगा देगा और एक दाना नहीं देगा।” उन्होंने कहा कि अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों को इकट्ठा करने का है।