राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कहा है कि तब्लीग़ी जमात के नेताओं को समझदारी दिखाते हुए अपने कार्यक्रम को रद्द कर देना चाहिए था। संघ के सर कार्यवाह मनमोहन वैद्य ने वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के जरिये प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि संघ ने सरकार के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की अपील के बाद अपने कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। वैद्य ने तब्लीग़ी जमात के लोगों की आलोचना की तो मुसलिम समुदाय के लोगों की प्रशंसा भी की।
वैद्य ने कहा कि मुसलिम समुदाय में कई लोगों ने इस संकट के दौरान जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। लेकिन अफसोस यह है कि इस समुदाय का एक वर्ग गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहा है। संघ के नेता ने कहा कि कई जगहों पर जमात से निकले जो लोग मसजिदों में छिपे हैं, मुसलिम समुदाय के ही लोग इनके बारे में प्रशासन को सूचना दे रहे हैं। उन्होंने इस काम की तारीफ़ की।
वैद्य ने कहा कि दिल्ली में हुए तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम के कारण ही कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और हर कोई इस बात से सहमत है। वैद्य ने कहा कि आंकड़े सब सच बता देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़, भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामलों में से 30 फ़ीसदी मामले तब्लीग़ी जमात के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों से जुड़े हैं। अभी तक 17 राज्यों में लगभग 1500 मामले तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के हैं।
वैद्य ने कहा कि अगर तब्लीग़ी जमात के लोग सही समय पर कार्यक्रम को रद्द करने का फ़ैसला नहीं ले पाये थे तो कम से कम उन्हें मेडिकल स्टाफ़ के साथ जिम्मेदारी भरा व्यवहार करना चाहिए था। मीडिया में इस तरह की ख़बरें आईं हैं कि तब्लीग़ी जमात के लोगों ने डॉक्टर्स के साथ बेहतर व्यवहार नहीं किया है। वैद्य ने कहा कि संघ ने जून तक अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं।