अब से पहले जहाँ हर रोज़ क़रीब 30 लाख वैक्सीन की खुराक लगती रही थी वहीं सोमवार को यानी वैक्सीन की नई नीति लागू होने के पहले दिन रिकॉर्ड 80 लाख से ज़्यादा खुराक लगाई गई। नई वैक्सीन नीति के तहत 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को अब सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ़्त में टीके लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा टीकाकरण केंद्रों पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
कोरोना टीका के रजिस्ट्रेशन के लिए बनी वेबसाइट को-विन पर रात 9:15 मिनट तक 82 लाख 70 हज़ार 212 लोगों को टीके लगाए जा चुके थे। शाम साढ़े आठ बजे जब 80 लाख से ज़्यादा टीके लगाए जा चुके थे तब रिकॉर्ड टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ट्वीट किया।
इससे पहले एक दिन में सबसे ज़्यादा टीके 2 अप्रैल को लगाये गये थे और तब 42 लाख 65 हज़ार 157 खुराक दी जा सकी थी। उसके बाद से वैक्सीन की कमी की ख़बरें आती रहीं और हर रोज़ 20-30 लाख वैक्सीन लगाई जाती रहीं। 20 जून को भी 30 लाख 39 हज़ार टीके लगाए गए थे। इससे एक दिन पहले 38 लाख टीके लगाए गए थे।
बता दें कि पिछले दिनों वैक्सीन नीति को लेकर सरकार की जबरदस्त आलोचना होती रही थी। दिल्ली के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने इसके लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी। सबसे ज़्यादा आलोचना वैक्सीन खरीद और वितरण का ज़िम्मा राज्यों को देने को लेकर थी। चौतरफ़ा आलोचनाओं के बीच सरकार ने हाल ही में वैक्सीन नीति में बदलाव की घोषणा की है।
इस नई नीति के अनुसार केंद्र ने 21 जून से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को मुफ्त में टीके उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है और लगभग एक महीने पहले लागू किए गए नीतिगत फ़ैसले को उलटते हुए राज्यों से टीकाकरण का नियंत्रण वापस अपने हाथ में ले लिया है।
केंद्र ने कंपनियों द्वारा उत्पादित 75 प्रतिशत टीकों को खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की है। निजी अस्पताल शेष 25 प्रतिशत खरीदना जारी रखेंगे और इसके भुगतान करने के इच्छुक लोगों को टीका लगाएँगे।
आज रिकॉर्ड टीका लगाए जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'आज की रिकॉर्ड तोड़ टीकाकरण संख्या प्रसन्न करने वाली है। कोविड-19 से लड़ने के लिए वैक्सीन हमारा सबसे मज़बूत हथियार बनी हुई है। उन सभी को बधाई जिन्होंने टीका लगाया और सभी अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं को शाबाशी क्योंकि यह सुनिश्चित किया जा सका कि इतने सारे नागरिकों को टीके मिले।
शाबाश भारत!'
बता दें कि आज एक दिन में कई राज्यों में रिकॉर्ड टीके लगाए गए। असम में जहाँ हर रोज़ क़रीब 50 हज़ार टीके लगाए जा रहे थे वहाँ 3 लाख 38 हज़ार से ज़्यादा टीके लगे। बिहार में जहाँ क़रीब सवा लाख टीके लग रहे थे वहाँ 4 लाख 88 हज़ार टीके लगाए गए। उत्तर प्रदेश में 6 लाख 89 हज़ार, पश्चिम बंगाल में 3 लाख 21 हज़ार, हरियाणा में 4 लाख 80 हज़ार, कर्नाटक में 10 लाख 80 हज़ार, मध्य प्रदेश में 15 लाख 98 हज़ार, महाराष्ट्र में 3 लाख 80 हज़ार और राजस्थान में 4 लाख 35 हज़ार टीके लगाए गए। अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में टीके लगाए गए।
पूरे भारत में रविवार तक कुल मिलाकर 28 करोड़ 36 हज़ार टीके लगाए जा चुके थे।