चिन्मयानंद को गिरफ़्तार करने वाली एसआईटी ने कहा है कि जाँच टीम से उन्होंने शर्मिंदा होने की बात कही है। बलात्कार के आरोप का सामना कर रहे चिन्मयानंद को एसआईटी ने शुक्रवार को गिरफ़्तार किया है। इस मामले में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा कि चिन्मयानंद ने अश्लील बातचीत और बॉडी मसाज सहित क़रीब-क़रीब सभी आरोपों को स्वीकार लिया है। अरोड़ा ने कहा कि चिन्मयानंद ने ज़्यादा नहीं कहना चाहा क्योंकि वह अपने किए पर शर्मिंदा हैं।
विशेष जाँच दल के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा, ‘वीडियो उन्हें दिखाया गया था और अंत में स्वामी ने वीडियो की सत्यता को स्वीकार कर लिया। चिन्मयानंद ने हमें बताया कि उन्हें अपने कार्यों पर शर्म आती है।’
कार्रवाई में देरी के किसी भी आरोप को इनकार करते हुए अरोड़ा ने कहा, ‘दो दिनों के लिए स्वामी अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे। हमने पूरी सावधानी बरती। जब हम संतुष्ट हो गए कि हम उन्हें गिरफ़्तार कर सकते हैं और उन्होंने सभी सबूत स्वीकार किए तो उनको गिरफ्तार किया।’ नवीन अरोड़ा ने यह भी कहा कि घटना के समय के सबूतों की जाँच की जा रही है।
यूपी डीजीपी ओ. पी. सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हमने एसआईटी गठित की थी और जाँच के बाद स्वामी चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल भेज दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में कोई देरी नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि चिन्मयानंद को ज़बरन वसूली की धमकी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
पीड़िता ने पाँच दिन पहले ही सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि चिन्मयानंद ने एक साल तक बलात्कार किया है। कार्रवाई होती नहीं देख पीड़िता ने दो दिन पहले ही आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इस मामले में क़रीब एक माह पहले ही आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दी, स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी गठित कर कार्रवाई करने को कहा और इलाहाबाद हाई कोर्ट को निगरानी करने को कहा था। कार्रवाई करने के लिए सरकार और पुलिस पर भारी दबाव था।