अपने राजनीतिक विरोधियों के ख़िलाफ़ देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों को इस्तेमाल करने के लिए कुख़्यात रही मोदी सरकार पर अब किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले पंजाबी गायकों और किसान नेताओं पर इस राजनीतिक हथियार का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं।
दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे किसानों में बड़ी संख्या पंजाब के सिखों की है। इनके समर्थन में पंजाबी गायकों ने भी कई गाने बनाए हैं। लेकिन इनके ख़िलाफ़ जांच एजेंसियां ईडी और इनकम टैक्स सक्रिय हो गई हैं। इससे पहले आढ़तियों के ख़िलाफ़ आयकर (आईटी) विभाग छापेमारी से लेकर नोटिस देने की कार्रवाई कर चुका है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ. दर्शन पाल ने ‘द प्रिंट’ से कहा कि उनके पास इस बात की सूचना है कि जो गायक अपने गानों, भाषणों के जरिये किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, ईडी उन्हें निशाना बना रही है। पाल कहते हैं कि पहले आईटी ने छापेमारी की और उसके बाद ईडी भी कुछ ऐसा ही कर रही है।
पाल इस हरक़त की निंदा करते हैं और सरकार को चेताते हैं कि अगर वह किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को इस तरह निशाना बनाएगी तो यह समाधान की दिशा में नहीं बल्कि कलह को बढ़ाने वाला होगा। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा ईकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी सरकार को इसे लेकर चेताया था।
‘द प्रिंट’ ने कहा है कि ईडी के उच्च सूत्रों ने इस बात को कन्फर्म किया है कि गायक और अभिनेता, इनमें से भी खासकर एनआरआई, जो इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, इस जांच एजेंसी के रडार पर हैं।
किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो-
गायकों का जोरदार समर्थन
किसानों के समर्थन में अब तक जैजी बी का बगावतां नाम से, निंजा का पंजाब वर्सेस दिल्ली, हर्फ चीमा और कंवर ग्रेवाल का पेचा, मनकीरत औलख के साथ और कई गायकों वाला किसान एंथम, मशहूर गायिका गुरलेज़ अख़्तर का दिल्ली टू पंजाब, कंवर ग्रेवाल का एलान, रंजीत बावा का पंजाब बोलदा, गिप्पी ग्रेवाल का ज़ालम सरकारां, जी. संधू का चुप करजा दिल्लीये के अलावा कई नामचीन कलाकारों के गाने आ चुके हैं।
इनमें से एक पंजाब बोलदा गाना गाने वाले गायक रंजीत बावा भी ईडी के रडार पर हैं। पिछले महीने जालंधर बीजेपी के नेता अशोक सरीन हिक्की ने ईडी में शिकायत दी थी कि बावा के लिंक नशे के कारोबारी गुरदीप सिंह रानो के साथ हैं। उन्होंने बावा की रानो के साथ मुलाक़ात वाली फ़ोटो भी दी थी। यह शिकायत तब दी गई जब रंजीत बावा किसानों के समर्थन में बिटर ट्रुथ नाम से गाना रिलीज कर चुके थे।
रंजीत बावा के गाने पंजाब बोलदा का पोस्टर।
लेकिन जैसे ही 8 दिसंबर को उनका दूसरा गाना पंजाब बोलदा आया, ईडी ने उन पर शिकंजा कसने की तैयार कर ली। ‘द प्रिंट’ के मुताबिक़, सूत्रों ने कहा कि बावा के अलावा कुछ किसान नेता और उनके समर्थक भी ईडी के रडार पर हैं।
ईडी की आर्थिक मामलों के लेन-देन वाली शाखा ने शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां से उनके बैंक खाते में आई रकम की जानकारी मांगी है। कोकरी ने ‘द प्रिंट’ को बताया कि उनके गांव के पंजाब और सिंध बैंक के मैनेजर को ईडी के आर्थिक लेन-देन के विभाग की ओर से ई-मेल आया है और इसमें पूछा गया है कि उनके अकाउंट में जो 7 लाख रुपये की विदेशी रकम आई है, उसके बारे में बताइए। कोकरी से कहा गया है कि जिसने यह रकम भेजी है, उनके पासपोर्ट की डिटेल्स और पता दें। ईडी को शक है कि इसमें फ़ेमा एक्ट का दुरुपयोग हुआ है।
भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने 6 दिसंबर को एक अपील जारी कर कहा था कि जो लोग विदेशों से किसान आंदोलन को वित्तीय सहायता देना चाहते हैं, उनकी रकम को फ़ॉरेन कांट्रीब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट के तहत ही लिया जाएगा।
पंजाब बीजेपी का इनकार
हालांकि पंजाब बीजेपी ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई को किसी तरह के बदले की कार्रवाई बताने वाले आरोपों को खारिज किया है। पंजाब बीजेपी के प्रवक्ता विनीत जोशी ने ‘द प्रिंट’ से कहा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई का किसी के आंदोलन में होने या न होने से कोई लेना-देना नहीं है और सभी को देश के नियमों का पालन करना चाहिए।
आढ़तियों पर कार्रवाई से नाराज़गी
इससे पहले 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने ख़बर दी थी कि आईटी ने पंजाब के शीर्ष 14 आढ़तियों को नोटिस दिया है। इसके अलावा 18-19 दिसंबर को छह आढ़तियों के परिसरों पर छापेमारी की गई है। आढ़तियों के शीर्ष संगठन फ़ेडरेशन ऑफ़ आढ़तिया एसोसिएशंस ऑफ़ पंजाब ने आरोप लगाया है कि आढ़तियों को आयकर नोटिस और छापों के जरिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हैं और किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इसके विरोध में उन्होंने राज्य की कृषि मंडियों को 22-25 दिसंबर तक बंद रखने का एलान किया था और आयकर विभाग के अफ़सरों का घेराव करने की बात भी कही थी।