लॉकडाउन की वजह से जगह-जगह फँसे प्रवासी मज़दूरों को उनके गृह राज्य पहुँचाने के लिए भारतीय रेल रोज़ाना 300 ट्रेनें चलाएगी।
रेल मंत्री पियूष गोयल ने इसका एलान करते हुए ट्वीट किया, 'माननीय प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुसार, रेलवे रोज़ाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए पूरी तरह तैयार है।'
इसके साथ ही गोयल ने सभी राज्यों से अपील की है कि वे सहयोग करें और ट्रेन चलने दें ताकि फँसे हुए मजदूरों को उनके घर पहुँचाया जा सके।
रेल पर राजनीति!
राज्यों से सहयोग की अपील का राजनीतिक महत्व है। इस ऐसे समझा जा सकता है कि एक दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की थी कि वह रेलवे से सहयोग करें। उन्होंने उन पर आरोप लगाया था कि वह श्रमिक स्पेशल ट्रेन को पश्चिम बंगाल में नहीं घुसने देती हैं और राज्य के प्रवासी मज़दूरों के साथ अन्याय है।
ममता बनर्जी ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कहा था कि अमित शाह झूठ बोल रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
ममता का पलटवार
उन्होंने उनसे यह साबित करने को कहा था कि राज्य सरकार ने किसी ट्रेन को नहीं घुसने दिया था। उन्होंने चुनौती के स्वर में कहा था कि अमित शाह साबित करें या माफ़ी माँगें।
केंद्र सरकार ने कहा था कि वह प्रवासी मज़दूरों को मुफ़्त ले जाएगी। उसने सफ़ाई देते हुए कहा कि उसने राज्य सरकारों से कभी नहीं कहा कि वह इन मज़दूरों से भाड़ा वसूले। केंद्र ने यह भी कहा है कि रेलवे भाड़ा में 85 प्रतिशत की छूट ख़ुद दे रहा है, सिर्फ 15 प्रतिशत राज्य सरकारों को देना है।